उत्तराखंड में अब नकल विरोधी अध्यादेश को सीएम ने दी अनुमति, आजीवन कैद संग देना होगाा 10 करोड़ जुर्माना…..

देहरादून: उत्तराखंड में जल्द ही देश का सबसे सख्त नकलरोधी कानून लागू होने वाला है। इसमें नकल माफिया को उम्रकैद, 10 करोड़ तक जुर्माना और नकल माफिया से मिलकर नकल करने वाले अभ्यर्थियों को भी 10 साल तक की जेल का प्रावधान किया गया है। अगर राजभवन इस पर 12 फरवरी से पहले मुहर लगा देता है तो यह कानून पटवारी-लेखपाल भर्ती से ही लागू हो जाएगा।

नकल माफिया पर यह होगी कार्रवाई
कोई व्यक्ति, परीक्षा केंद्र के प्रबंधतंत्र, कोचिंग संस्थान, प्रिंटिंग प्रेस, परीक्षा के आयोजन में किसी भी जुड़े लोग पेपर लीक या अनुचित साधनों में शामिल पाए गए तो उन्हें आजीवन कारावास और 10 करोड़ रुपये तक के जुर्माने की सजा मिलेगी।

कोई परीक्षार्थी अगर नकल करते हुए पकड़ा गया तो तो उसे तीन साल की जेल और कम से कम पांच लाख के जुर्माने की सजा मिलेगी। अगर वही परीक्षार्थी दोबारा अन्य प्रतियोगी परीक्षाओं में दोषी पाया जाता है तो उसे दस साल कारावास की सजा और कम से कम 10 लाख जुर्माना लगेगा।

अगर कोई परीक्षार्थी नकल करते हुए पाया जाता है तो आरोपपत्र दाखिल होने की तिथि से दो से पांच साल के लिए उस पर प्रतिबंध लगा दिया जाएगा। दोष सिद्ध होने पर 10 साल के लिए सभी प्रतियोगी परीक्षाओं से डिबार कर दिया जाएगा। अगर कोई परीक्षार्थी दोबारा नकल करते हुए पाया जाता है तो उसे पांच से दस साल सजा के साथ ही आजीवन सभी प्रतियोगी परीक्षाओं से डिबार कर दिया जाएगा।

 

गैर जमानती अपराध बना पेपर लीक, संपत्ति कुर्क होगी
प्रदेश में अब नकल का अपराध संज्ञेय, गैर जमानती और अशमनीय बन जाएगा। इसके अलावा नकल माफिया अनुचित साधनों का इस्तेमाल कर जो भी संपत्ति अर्जित करेंगे, उसे सरकार कुर्क कर लेगी।

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