उत्तराखंड में 40 जगह धधके जंगल…चमोली में टैक्सी स्टैंड तो श्रीनगर में केंद्रीय विवि परिसर तक पहुंची आग……

श्रीनगर: 40 जगह धधके जंगल…चमोली में टैक्सी स्टैंड तो श्रीनगर में केंद्रीय विवि परिसर तक पहुंची आगउत्तराखंड में गढ़वाल से कुमाऊं तक जंगल आग से धधक रहे हैं। बुधवार को वनाग्नि की 40 घटनाएं हुई हैं। जिसमें सबसे अधिक 26 घटनाएं गढ़वाल और 14 कुमाऊं की है। जिससे 46 हेक्टेयर से अधिक वन क्षेत्र प्रभावित हुआ है।

उत्तराखंड में जंगलों के धधकने का सिलसिला नहीं थम रहा है। बुधवार को 24 घंटे के भीतर प्रदेश में आग की 40 नई घटनाएं हुईं, जिनमें कुल 46 हेक्टेयर वन क्षेत्र को क्षति पहुंची है। वन विभाग की ओर से जंगल में आग लगाने वालों की गिरफ्तारी और मुकदमा दर्ज कराने की कार्रवाई भी जारी है।

अब तक जंगल में आग लगाने पर वन अपराध के तहत कुल 315 मुकदमे दर्ज किए जा चुके हैं और 52 व्यक्तियों को गिरफ्तार किया जा चुका है। वहीं, फायर सीजन में अब तक कुल 761 घटनाओं में 949 हेक्टेयर वन क्षेत्र जल चुका है। उत्तराखंड में जंगलों के झुलसने का सिलसिला जारी है। वन विभाग सेना के सहयोग से लगातार आग पर काबू पाने का प्रयास कर रहा है।

टिहरी बांध प्रथम वन प्रभाग, नैनीताल वन प्रभाग, भूमि संरक्षण रानीखेत वन प्रभाग, अल्मोड़ा वन प्रभाग, सिविल सोयम अल्मोड़ा वन प्रभाग, तराई पूर्वी वन प्रभाग, रामनगर वन प्रभाग, मसूरी वन प्रभाग, लैंसडौन भूमि संरक्षण वन प्रभाग, सिविल सोयम पौड़ी वन प्रभाग, केदारनाथ वन्य जीव प्रभाग आदि में जंगल धधक रहे हैं। अब तक दो फायर वाचर समेत चार लोग आग से झुलस चुके हैं।

अब तक इस सीजन में जंगल में आग लगाने पर वन संरक्षण अधिनियम और वन अपराध के तहत 315 मुकदमे दर्ज कराए जा चुके हैं। जिनमें 267 मुकदमे अज्ञात और 48 मुकदमे ज्ञात व्यक्तियों के विरुद्ध कराए गए हैं। साथ ही अब तक कुल 52 व्यक्तियों को जंगल में आग लगाने पर गिरफ्तार किया जा चुका है। वन विभाग की ओर से मुख्यालय में कंट्रोल रूम स्थापित किया गया है। साथ ही जंगल की आग की सूचना देने के लिए नंबर भी जारी किए गए हैं।

तापमान बढ़ने के साथ ही जंगल की आग के मामले भी बढ़ते जा रहे हैं। बुधवार को टिहरी बांध वन प्रभाग में तीन, भूमि संरक्षण वन प्रभाग रानीखेत में एक वनाग्नि की घटनाए हुई है। जबकि अल्मोड़ा वन प्रभाग में एक, बागेश्वर वन प्रभाग में दो, पिथौरागढ़ वन प्रभाग आरक्षित वन क्षेत्र में दो और सिविल वन क्षेत्र में पांच, तराई पूर्वी वन प्रभाग आरक्षित वन में दो, रामनगर वन प्रभाग में एक, नरेंद्र नगर वन प्रभाग में पांच, सिविल वन पंचायत क्षेत्र में दो, मसूरी वन प्रभाग में एक और सिविल वन क्षेत्र में एक आग की घटना हुई है।सिविल सोयम पौड़ी वन प्रभाग में सबसे अधिक 14 घटनाएं हुई हैं। अपर प्रमुख वन संरक्षक निशांत वर्मा के मुताबिक राज्य में इस फायर सीजन में अब तक वनाग्नि की 761 घटनाएं हो चुकी हैं।

वहीं, आग केंद्रीय संस्कृत विश्वविद्यालय के श्री रघुनाथ कीर्ति परिसर तक जंगल की आग पहुंच गई है। आग परिसर को अपनी चपेट में लेती इससे पहले परिसर निदेशक सहित शिक्षकों, छात्रों व कर्मचारियों ने मोर्चा संभालते हुए आग बुझाने के उपकरणों के साथ काफी मशक्कत के बाद आग पर काबू पा लिया। इस दौरान पूरे परिसर में धुआं फैल गई, जिससे अफरा-तफरी का माहौल बना रहा।द्वारीखाल ब्लॉक के अंतर्गत ग्राम पंचायत दिउसा के नापखेत में असामाजिक तत्वों ने आग लगा दी। आग सड़क तक पहुंच गई और इस दौरान सड़क किनारे खड़ा पिकअप वाहन और एक बाइक भी जल गई। इसके बाद आग का रुख आबादी की ओर हो गया।

सूचना पर पहुंचे भूमि संरक्षण वन प्रभाग लैंसडौन के मटियाली रेंज के वनकर्मियों ने चार घंटे की कड़ी मशक्कत के बाद किसी तरह आग बुझाई। मामले में वन सरपंच ममता देवी ने असामाजिक तत्वों के खिलाफ राजस्व पुलिस को तहरीर दी है।जंगल की आग चमोली बाजार में टैक्सी स्टैंड के समीप तक पहुंच गई जिससे पहाड़ी से पत्थर गिरने लगे। इसे देखते हुए पुलिस प्रशासन की ओर से यहां टैक्सी स्टैंड पर खड़े वाहनों को हटाया गया। टैक्सी स्टैंड के ऊपरी हिस्से में गत वर्ष भी आग लगने से बोल्डर नीचे आ गए

इधर, गोपेश्वर-नेल-कुड़ाव सड़क पर आग को वन कर्मियों ने बुझा लिया जिससे यहां वाहनों की आवाजाही सुचारु हो गई है। केदारनाथ वन्यजीव प्रभाग के एसडीओ जुगल किशोर चौहान ने बताया कि जंगलों में लगी आग को बुझाने के प्रयास किए जा रहे हैं।

वहीं कर्णप्रयाग के आटागाड़ रेंज के राड़खी मज्याड़ी, सिमली, कोलीपानी के जंगल भी आग में जले। ग्राम प्रधान सिमली पीताम्बरी देवी ने कहा कि जंगलों में आग लगने की सूचना वन विभाग को भी दी गई है। वहीं आटागाड़ रेंज के अधिकारी आरके निराला ने बताया कि सूचना पर वन कर्मियों की टीम मौके पर गई है।

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