उत्तराखंड में अपने इस बयान पर माफ़ी मांग रहें हरीश रावत, कहा कोई नाम तो ऐसा होना चाहिए जिस पर गलतियों का लेखा-जोखा लिखा जाए…..

देहरादून: लोकसभा चुनाव को लेकर बयानबाजियो के दौर के बीच हरीश रावत और प्रीतम सिंह के बीच बयानबाजी देखने क़ो मिली वही अब सोशल मीडिया में हरीश रावत का बड़ा पोस्ट सामने आया हैं जिसमे वो अपने बयान पर क्षमा मांग रहें हैं हरीश रावत बोले

आज के समाचार पत्र देखे, मेरे किसी कथन से दिल दुखा है, प्रतिक्रिया आई है, मैं क्षमा प्रार्थी हूं! मकसद था कि हमारी मैं-मैं और समाचार की सुर्खियां बनने के बजाय पार्टी #हाईकमान के निर्देश पर छोड़ दें, मगर फिर भी अनजाने में गलती हुई है मैं क्षमा चाहता हूं। मैंने अतीत में भी बहुत सारी गलतियां की हैं, राज्य बनने के बाद 2002 से उम्मीदवारों के चयन से लेकर उससे पहले भी मैंने बहुत ढेर सारी गलतियां की हैं।

लेकिन भगवान बद्रीनाथ की कृपा है कि मैं एक ग़लती करने से बचा रहा कि मैंने कभी भी, कैसी ही परिस्थितियां आई मानजनक – अपमानजनक पार्टी का #दामन थामे रहा और कांग्रेस को मेरे व्यवहार व काम से जो नुकसान हुआ है मैं उसके लिए पहले ही क्षमा मांग चुका हूं और फिर से क्षमा मांग रहा हूं। क्योंकि भाजपा के दोस्त भी अपनी सरकारों की गलतियों के लिए मुझे ही दोषी ठहराते हैं, मुझे उनसे भी कोई शिकायत नहीं है। बल्कि भगवान करे जहां अच्छाइयां हों वो लोगों के नाम पर लिखी जाएं और जहां-जहां गलतियां हों, भगवन वो मेरे नाम पर लिखी जाएं, कोई नाम तो ऐसा होना चाहिए जिस पर गलतियों का लेखा-जोखा लिखा जाए।

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