डीजीपी हो तो ऐसा, वर्चुअल बैठक में कर दिया निलंबित और एक को स्थानान्तरित

देहरादून । अशोक कुमार, पुलिस महानिदेशक, उत्तराखण्ड द्वारा वीडियो कान्फ्रेसिंग के माध्यम से जनपद देहरादून, हरिद्वार एवं नैनीताल के विभिन्न शिकायती प्रकरण जहां शिकायतकर्ता जनपद पुलिस द्वारा की गयी जांच/विवेचना से संतुष्ट नहीं थे, की समीक्षा की गयी।

समीक्षा के दौरान जनपद हरिद्वार के एक प्रकरण में, बहादराबाद निवासी विवेक कुमार ने दिनांक 30 सितम्बर 2020 को प्रेषित अपने शिकायती प्रार्थना पत्र में विवेचक पर आरोप लगाते हुए उल्लेख किया गया था कि उसके विरूद्ध थाना बहादराबाद में पंजीकृत धोखाधड़ी से सम्बन्धित एक अभियोग में विवेचक द्वारा उस पर वादी से समझौता करने का दबाव बनाया जा रहा है।

उक्त शिकायती प्रकरण की समीक्षा में जनपद प्रभारी, थाना प्रभारी, जांच अधिकारी, विवेचना अधिकारी और शिकायतकर्ता यथास्थान से मौजूद रहे। श्री अशोक कुमार, पुलिस महानिदेशक, उत्तराखण्ड द्वारा प्रकरण से सम्बन्धित जांच पत्रावली की समीक्षा एवं सभी उपस्थित जनों का पक्ष सुनने के पश्चात सम्बन्धित विवेचना अधिकारी को दोषपूर्ण मानते हुए तत्काल प्रभाव से निलम्बित करने, प्रकरण की जांच समय से सहायक पुलिस अधीक्षक, हरिद्वार को प्रेषित न करने पर सम्बन्धित प्रधान लिपिक का उत्तरदायित्व तय करने एवं प्रकरण की जांच सक्षम अधिकारी से कराते हुए 15 दिवस के भीतर रिपोर्ट प्रेषित करने हेतु वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक, हरिद्वार को निर्देशित किया गया है।

वही दूसरे प्रकरण में दुरस्त क्षेत्र में स्थानान्तरित करने के आदेश

हरिद्वार। संजय निवासी ग्राम भलस्वागाज, झबरेड़ा, हरिद्वार ने पुलिस मुख्यालय आकर बताया कि उनके भाई की गुमशुदगी के सम्बन्ध में थाना पटेलनगर में अभियोग पंजीकृत है, जिसमें तत्कालीन जांचकर्ता/विवेचक उपनिरीक्षक सुरेश कुमार द्वारा उनको सहयोग नहीं दिया जा रहा है और न ही उस पर कोई कार्यवाही की जा रही है।

अशोक कुमार, पुलिस महानिदेशक, उत्तराखण्ड द्वारा इसका संज्ञान लेते हुए प्रकरण की जांच करायी गयी। जांच में विवेचक उपनिरीक्षक सुरेश कुमार पर ठोस साक्ष्य संकलन न करने एवं विवेचना में शिथिलता बरतना का दोषी पाया गया। जिस आधार पर श्री अशोक कुमार द्वारा पुलिस उप महानिरीक्षक, गढ़वाल परिक्षेत्र को उपनिरीक्षक सुरेश कुमार को उनके कार्यों के प्रति उदासीनता व घोर लापरवाही बरतने के लिए तत्काल प्रभाव से जनपद देहरादून से दूरस्थ पर्वतीय जनपद में स्थानान्तरित करने एवं उसके विरूद्ध विभागीय कार्यवाही हेतु निर्देशित किया गया है।

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