उत्तराखंड में बारिश का कहर, जौलजीबी-मुनस्यारी मार्ग बहा, फंसे वाहन नदियों का जलस्तर बढ़ा…..
हल्द्वानी: कुमाऊं भर में तड़के से ही हल्की व तेज वर्षा का क्रम बना हुआ है। पिथौरागढ़ जिले में भारी वर्षा के चलते मलबा आने से जौलजीबी-मुनस्यारी और थल- मुनस्यारी मार्ग बंद है।
गोरी गंगा, रामगंगा, मंदाकिनी, सेरा नदी, जाकुला, गोसी नदी सहित सभी नालों का जलस्तर बढ़ गया है। जौलजीबी-मुनस्यारी मार्ग सेराघाट के पास बह गया है और वाहन फंसे हैं। क्वीटी के पास जाकुला नदी किनारे एक शव बह कर आया है।
नैनीताल में कोहरे के बीच वर्षा हो रही है। रामनगर में शनिवार रात में हल्की बारिश हुई और रविवार की सुबह बादल लगे रहे। यहां बारिश के आसार बने हैं।
वहीं तीन दिन पूर्व चीन सीमा तक जाने वाली तवघाट-लिपुलेख मार्ग पर मालपा से बूंदी के मध्य काली नदी के कहर से बंद सड़क यातायात के लिए खोल दी गई है। मार्ग खुलने से चीन सीमा सहित सीमा पर स्थित सात गांवों का संपर्क बहाल हो चुका है।
वहीं आदि कैलास यात्रा में संभावित बाधा भी दूर हो चुकी है। तीन दिन पूर्व उच्च हिमालय में मई माह में हुए हिमपात से बने ग्लेशियर तपिश बढ़ते ही पिघलने लगे। ग्लेशियरों के पिघलने काली नदी का जलस्तर तेजी से बढ़ने लगा।
गुरुवार की शाम को काली नदी उफान पर आ गई और बूंदी से मालपा के बीच कोटना लामारी के मध्य नदी के कटाव से लगभग 15 मीटर सड़क काली नदी में समा गई और मार्ग यातायात के लिए बंद हो गया। दूसरे दिन इस स्थान से लगभग 50 मीटर दूर भी नदी के कटाव से सड़क कटने लगी।
सड़क के नदी में समाने से आदि कैलास यात्रा को लेकर भी संदेह पैदा होने लगा। शुक्रवार को यात्रा पूरी कर लौट रहे 17वें दल के यात्रियों और अन्य यात्रियों सहित स्थानीय लोगों को इस स्थान पर पैदल पार कर ट्रांसमेनशिप के जरिये धारचूला लाया गया।
शुक्रवार से बीआरओ द्वारा यहां पर सड़क खोलने का कार्य प्रारंभ किया गया। शनिवार अपराह्न तक सड़क खोल दी गई है। चीन सीमा लिपुलेख तक मार्ग पूरी तरह खुला है और यातायात सामान्य हो चुका है।
आदि कैलास यात्रा का 18वां दल शनिवार की शाम पिथौरागढ़़ पहुंचेगा जो रविवार को धारचूला जाएगा। सोमवार को दल इसी मार्ग से गुंजी पहुंचेगा। वही मौसम विभाग की चेतावनी को देखते हुए विशेष सतर्कता बरती जा रही है।