उत्तराखंड में आज कांवड़ियों का सैलाब उमड़ते ही ‘जाम’ हुआ हरिद्वार, देखें वीडियो…..
हरिद्वार: कांवड़ियों का सैलाब उमड़ते ही ‘जाम’ हुआ हरिद्वार, डीएम ने बाइक से किया निरीक्षण, देखें तस्वीरेंकांवड़ यात्रा के अंतिम चरण में रविवार को हरिद्वार में डाक कांवड़ियों का सैलाब उमड़ आया। हाईवे से लेकर संपर्क मार्ग पूरी तरह जाम हो गए।
हरकी पैड़ी क्षेत्र के बाजार में तिल रखने की जगह नहीं मिली। पार्किंग फुल होने से वाहन सड़कों के किनारे और फ्लाईओवर के नीचे खड़े करने पड़े। जाम में जिलाधिकारी विनय शंकर पांडेय भी फंस गए। डामकोठी के पास लाव लश्कर को छोड़कर बाइक के पीछे बैठकर निरीक्षण करने निकल पड़े।
रविवार को जिलाधिकारी विनय शंकर पांडेय रोजाना की तरह हरकी पैड़ी और मेला क्षेत्र का निरीक्षण करने निकले थे। डामकोठी से आगे जाम में उनका वाहन और लाव लश्कर नहीं जा सका। उन्होंने डामकोठी में कांवड़ियों को प्रसाद बांटा और बाइक के पीछे बैठकर कांवड़ की व्यवस्थाओं का जायजा लेने निकले।
जिलाधिकारी ने कहा कि डाक कांवड़ियों का अधिक दबाव होने से हाईइवे और संपर्क मार्ग पैक हो गए। शहर के अंदरूनी इलाकों में स्थिति सामान्य है। जिससे स्थानीय लोगों को बड़ी राहत मिली है। हिल बाईपास खुलने से बड़ी राहत मिली है।
डाक कांवड़ यात्रा के चरम पर पहुंचने पर धर्मनगरी में कांवड़ यात्रियों के वाहनों का शोर जोरों से सुनाई पड़ रहा है। बिना साइलेंसर वाले वाहन और प्रेशर हॉर्न हाईवे से गली और मोहल्लों में रहने वाले लोगों के कान फोड़ रहे हैं। इससे धर्मनगरी के लोगों की रात की नींद उड़ी हुई है। 14 जुलाई से शुरू हुई कांवड़ यात्रा में पहले चरण में पैदल कांवड़ यात्रियों का कारवां हरकी पैड़ी से जल भरकर अपने गंतव्य की ओर से निकलने लगा था। कांवड़ पटरी मार्ग से चलने वाली पैदल कांवड़ यात्रा से शहर के लोगों को अधिक परेशानी का सामना नहीं करना पड़ रहा था। इससे हाईवे से बाहरी प्रदेशों के लोगों को आने-जाने में भी राहत मिली हुई थी।
आंतरिक संपर्क मार्गों से स्थानीय लोग भी अपने प्रतिष्ठानों और काम धंधों पर जा पा रहे थे लेकिन दो दिन पहले से शुरू हुई डाक कांवड़ के चलते शहर की यातायात व्यवस्था बिगड़ने लगी थी। रविवार को तो डाक कांवड़ियों का रेला हाईवे से लेकर शहर के संपर्क मार्गों पर देखने को मिल रहा है। इससे हाईवे से लेकर शहर की सड़कों पर कांवड़ यात्रियों का जन सैलाब नजर आ रहा है। डाक कांवड़ियों के बिना साइलेंसर वाले दोपहिया वाहन हाईवे से लेकर शहर के संपर्क मार्गों और गली-मोहल्लों में घुसे जा रहे हैं।