उत्तराखंड में विधायकों और मंत्रियों के बगावती बयान भाजपा की बढ़ा रहे मुश्किल अब इस मंत्री और विधायक के बयान का लिया पार्टी ने संज्ञान….

देहरादून : उत्तराखंड भाजपा में दलबदल के झटके लगातार लग रहे हैं ऐसे में विधायक और मंत्रियों के बयान भी पार्टी को चिंता में डाल रहे हैं जी हां मंत्री हरक सिंह रावत के हालिया बयानों ने काफी कुछ साफ किया है कि भविष्य में क्या होने जा रहा है वही चर्चाए अ बीजेपी के विधायक पूरन फर्त्याल की भी है उनके हाल में मुख्यमंत्री और आपदा मंत्री के सामने किए गए हंगामे ने पार्टी को सकते में डाल दिया है।

साफ है विधानसभा चुनाव में बेहद कम वक्त रह गया है तो मंत्री, विधायकों की किच-किच भाजपा की मुश्किलें बढ़ा रही है। ऐसे मामलों पर भाजपा ने अब सख्त रुख अख्तियार किया है। इस कड़ी में पार्टी ने कैबिनेट मंत्री डा हरक सिंह रावत और लोहाघाट के विधायक पूरन फर्त्याल के बयानों को गंभीरता से लेते हुए इनका संज्ञान लिया है। पार्टी के प्रदेश महामंत्री कुलदीप कुमार के मुताबिक दोनों मामलों में सभी जानकारियां जुटाई जा रही हैं और फिर प्रारंभिक रिपोर्ट प्रदेश अध्यक्ष को सौंपी जाएगी।

उधर, कैबिनेट मंत्री डा हरक सिंह रावत ने कहा कि उनके द्वारा अपने इस कार्यकाल को लेकर जो कुछ कहा गया, वह सच है। वहीं, विधायक फर्त्याल ने कहा कि उन्होंने अपने क्षेत्र में आई आपदा का मसला मुख्यमंत्री व आपदा प्रबंधन मंत्री के समक्ष रखा। सरकार ने इसका तुरंत संज्ञान लिया और क्षेत्र में मशीनरी सक्रिय हुई।

विधानसभा चुनाव के लिए भाजपा मैदान में उतर चुकी है, लेकिन पार्टी नेताओं की बयानबाजी पर अंकुश नहीं लग पा रहा है। वह भी तब जबकि हाल में भाजपा के राष्ट्रीय नेतृत्व तक ने सभी कार्यकर्त्ताओं को नसीहत दी थी कि चुनाव के मद्देनजर वे अनावश्यक बयानबाजी से बचें। यदि कोई विषय है तो इसे पार्टी फोरम में रखा जाए, जिसका समाधान निकाला जाएगा। बावजूद इसके मंत्री, विधायकों की बयानबाजी न थमने से विपक्ष को भी मौका मिल रहा है। इसे देखते पार्टी ने अब ऐसे मामलों को गंभीरता से लेना शुरू कर दिया है।

हाल में कुमाऊं क्षेत्र में मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी और आपदा प्रबंधन मंत्री डा धन सिंह रावत के भ्रमण के दौरान हुई बैठक में लोहाघाट के विधायक पूरन फर्त्याल ने खूब खरी-खोटी सुनाई थी। यह मामला सुर्खियों में रहा था। विधायक फर्त्याल पूर्व में भी वह अपने क्षेत्र की एक सड़क के टेंडर को लेकर मुखर रहे थे। तब वह इस मसले पर विधानसभा में कार्य स्थगन तक लाए थे, लेकिन यह स्वीकार नहीं हुआ था। यही नहीं, कैबिनेट मंत्री डा हरक सिंह रावत ने कहा था कि मंत्री के रूप में साढ़े चार साल के अपने इस कार्यकाल से वह संतुष्ट नहीं हैं। साथ ही उन्होंने कोटद्वार मेडिकल कालेज के संबंध में पूर्व मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत को लेकर टिप्पणी की थी।

पार्टी ने अब इन दोनों मामलों का संज्ञान लिया है।प्रदेश महामंत्री कुलदीप कुमार ने बताया कि दोनों मामलों में यह जानकारी ली जा रही है कि किन परिस्थितियों अथवा परिप्रेक्ष्य में ये बातें कही गईं। सभी तथ्य सामने आने पर प्रारंभिक रिपोर्ट तैयार कर प्रदेश अध्यक्ष को दी जाएगी।उधर, कैबिनेट मंत्री डा हरक सिंह रावत अपनी बात पर अडिग हैं। हरक ने कहा कि उन्होंने अपने साढ़े चार साल के अब तक के कार्यकाल को लेकर जो कहा, सही कहा।

जिस हिसाब से उन्हें कार्य कराना था, वह नहीं करा पाए। फिर चाहे वह कोटद्वार क्षेत्र में मेडिकल कालेज का विषय हो अथवा अन्य क्षेत्रों से संबंधित कार्य।विधायक पूरन फर्त्याल ने इस बात से अनभिज्ञता जताई कि पार्टी ने उनकी बात का संज्ञान लिया है। उन्होंने कहा कि उनके क्षेत्र में आपदा आई थी, ऐसे में अपनी बात मुख्यमंत्री और आपदा प्रबंधन मंत्री के समक्ष नहीं रखते तो किसके समक्ष रखते।

उनके द्वारा मसला उठाए जाने पर मुख्यमंत्री और मंत्री ने इसका संज्ञान लिया और फिर लोहाघाट क्षेत्र में मशीनरी सक्रिय हुई। इसके नतीजे भी सामने आने लगे हैं और वह मुख्यमंत्री के प्रति आभार भी जता चुके हैं। दूसरी तरफ, भाजपा के प्रदेश अध्यक्ष मदन कौशिक ने कहा कि जल्द ही कैबिनेट मंत्री हरक सिंह रावत व विधायक फर्त्याल से बातचीत की जाएगी।

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