कोविड जांच फर्जीवाडा : अगर समझदारी ना दिखता हरिद्वार जिला प्रशासन तो और बड़ा होता महाकुंभ टेस्टिंग घोटाला…….

 

हरिद्वार : हरिद्वार कुंभ के दौरान कोविड जांच फर्जीवाड़े मामले में एसआईटी ने कुंभ मेलाधिकारी स्वास्थ्य से पांच घंटे तक पूछताछ कर बयान दर्ज किए। इससे पहले सीएमओ हरिद्वार के बयान दर्ज किए थे। कुंभ मेला से जुड़े अधिकारियों के बयान दर्ज होने के बाद आगे की कार्रवाई की जाएगी। महाकुंभ मेले के दौरान हरिद्वार आने वाले श्रद्धालुओं की कोविड जांच रिपोर्ट में फर्जीवाड़े का खुलासा होने के बाद मुकदमा दर्ज हो चुका है। जिला प्रशासन और कुंभ मेला प्रशासन पहले ही इस मामले की जांच कर रहा है। शुक्रवार को मामले की विवेचना के लिए जिला स्तर पर एसएसपी ने एसआईटी का गठन किया है।

वही हरिद्वार कुंभ में हुए कोरोना टेस्टिंग मामले में जहां सीएमओ हरिद्वार ने नगर कोतवाली में दो निजी टेस्टिंग लैब लालचंदानी लैब्स और नालवा लैब के साथ मैक्स कॉरपोरेट सोसायटी के खिलाफ शिकायत देते हुए मुकदमा दर्ज कराया है। उसके बाद से एसआईटी ने अपनी जांच शुरू कर दी है और एसआईटी अभी तक कुंभ मेले से जुड़े अधिकारियों से पूछताछ भी करनी शुरू कर चुकी है वही सूत्रों के हवाले से एक बड़ा खुलासा इस बात का भी हुआ है कि कुंभ मेले में जिला स्तर पर जिला प्रशासन और कुंभ मेला स्तर पर मेला प्रशासन द्वारा अलग-अलग कोरोना टेस्टिंग कराई जा रही थी

जिसमें बकायदा इंपैनलमेंट कर टेस्टिंग लैब को टेस्टिंग करने के निर्देश दिए गए थे सूत्र बताते हैं कि जिन लैब्स पर मुकदमा दर्ज हुआ है इन  लैब्स को मेला प्रशासन द्वारा टेस्टिंग के लिए इनपैनल किया गया उन्ही लैब्स ने जिला प्रशासन में भी इंपेनल के लिए आवेदन किया लिया  जिला प्रशासन ने उन्हें इनपैनल करने लायक ही नहीं समझा  या फिर यूं  कहा जाए उन्हें इन पैनल ही नहीं किया बड़ा सवाल क्या जिला प्रशासन भाप गई थी इन लैब्स की गलत नियत को अगर जिला प्रशासन भी इन लैब को इनपैनल कर देता तो यह टेस्टिंग घोटाला बहुत बड़ा घोटाला हो जाता ।

सूत्र बताते हैं की मार्च माह में ही मैक्स सोसाइटी लालचंदानी लैब्स और नलवा लैब्स बीच में कोलैबोरेशन हुआ जिसके तहत कुंभ मेला प्रशासन द्वारा मांगी गई प्रतिदिन टेस्टिंग की क्षमता को यह पूरा कर पाने की स्थिति में पहुंचे जबकि लालचंदानी और नलवा लैब कि उत्तराखंड में अपनी कोई टेस्टिंग लैब थी ही नहीं 1 अप्रैल से इन्होंने टेस्टिंग शुरू की लेकिन हैरानी की बात देखिए अप्रैल माह में ही मैक्स सोसाइटी ने बाकी दोनों लैब से अपने कोलैबोरेशन को खत्म कर दिया वही कुंभ के हालात ऐसे नहीं थे कि लाखों लोग कुंभ में पहुंच गए थे जबकि स्थिति ऐसी थी कि कुछ स्नानो में 2010 के कुंभ की स्थिति के अनुसार 10 से 20 प्रतिशत भी लोग नहीं थे ऐसे में माना जा रहा है कि पहले से मौजूद डाटा को कुम्भ में टेस्टिंग लैब्स द्वारा एडजस्ट कर आपने आकड़ो को पूरा किया गया जबकि पंजाब के एक व्यक्ति ने पहले ही बयान दिया था कि वो।कभी कुम्भ गया ही नही।

साफ है एसआईटी की टीम ने पहले दिन से ही इस मामले में जांच शुरू कर दी थी। पहले दिन सीएमओ हरिद्वार डॉ. एसके झा से एक घंटे तक रोशनाबाद कार्यालय में बुलाकर पूछताछ की थी। शनिवार को पुलिस ने इस मामले में कुंभ मेलाधिकारी स्वास्थ्य अर्जुन सेंगर से पांच घंटे तक पूछताछ करने के बाद उनके बयान दर्ज किए।

पूछताछ में एसआईटी की टीम ने कुंभ मेलाधिकारी स्वास्थ्य अर्जुन सिंह सेंगर से कई सवाल किए। जिसमें प्रमुख रूप कंपनी को टेंडर कब दिया गया। किस तरीके से दिया गया। टेंडर के क्या नियम कायदे थे। जांच अधिकारी राजेश शाह ने बताया कि शनिवार को कुंभ मेलाधिकारी स्वास्थ्य से पूछताछ के बाद बयान दर्ज किए गए हैं।

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