उत्तराखंड में अब किरायेदार रखने वाले मकानमालिकों को यूपीसीएल- ऊर्जा निगम देगा जोर का ‘झटका’, यह हो रही तैयारी…..

देहरादून: घरेलू बिजली का कनेक्शन लेकर दो से अधिक किरायेदार रखने वाले लोगों को ‘झटका’ लगने जा रहा है। ऐसे कनेक्शनों की श्रेणी घरेलू से बदलकर कॉमर्शियल कर दी जाएगी। पीजी चल रहे हैं, कार्रवाई की जद में आएंगे।घरेलू बिजली का कनेक्शन लेकर दो से अधिक किरायेदार रखने वाले लोगों को ‘झटका’ लगने जा रहा है। ऐसे कनेक्शनों की श्रेणी घरेलू से बदलकर कॉमर्शियल कर दी जाएगी। साथ ही ऐसे घर जहां हॉस्टल और पीजी चल रहे हैं, वो भी इस कार्रवाई की जद में आएंगे।

उत्तराखंड पावर कारपोरेशन लिमिटेड (यूपीसीएल) ने इसके लिए छापेमारी शुरू कर दी है। यूपीसीएल को दून के क्लेमनटाउन, प्रेमनगर, बिधौली, पौंधा, भाऊवाला, सेलाकुई आदि क्षेत्रों में घरेलू कनेक्शन के दुरुपयोग की शिकायतें मिल रही हैं।इन शिकायतों पर कार्रवाई के तहत यूपीसीएल शुरू में ऐसे इलाकों पर फोकस कर रहा हैं, जहां औद्योगिक व शैक्षणिक गतिविधियां ज्यादा हैं। छापेमारी शुरू कोई ऐसा भवन जिसमें मकान मालिक ने खुद न रहकर दो से अधिक किरायेदार रखे हों, ऐसे मामलों में यूपीसीएल ने कार्रवाई शुरू कर दी है।

कार्रवाई के तहत कनेक्शन आवासीय से कॉमर्शियल करने के साथ उसके अनुसार बकाया भी वसूला जा रहा है। यूपीसीएल हरिद्वार, खटीमा, काशीपुर, रुद्रपुर, बाजपुर, सितारगंज समेत अन्य औद्योगिक क्षेत्रों में भी कार्रवाई शुरू करने की तैयारी में है।

जुर्माना
छापेमारी के दौरान यूपीसीएल को घरेलू कनेक्शन पर कॉमर्शियल गतिविधि मिलती है तो उपभोक्ताओं पर बकाया भी निकाला जा रहा है, जो लाखों रुपये में बैठ रहा है। इसके तहत यूपीसीएल बीते छह महीने तक का असेसमेंट कर नोटिस थमा रहा है।उत्तराखंड में ऊर्जा निगम के 27 लाख बिजली उपभोक्ता हैं। इसमें चार लाख के करीब कॉमर्शियल, औद्योगिक बिजली उपभोक्ता हैं। मालूम हो कि घरेलू कनेक्शन की तुलना में कॉमर्शियल कनेक्शन पर बिजली की दर काफी महंगी है।

सुनवाई
यूपीसीएल ने कार्रवाई के दौरान सिर्फ सेलाकुई क्षेत्र में ही 200 जगह घरेलू कनेक्शन का दुरुपयोग पकड़ा। इन सभी का कनेक्शन घरेलू से कॉमर्शियल में बदल दिया गया। यहां एक घर में दो किलोवाट के घरेलू कनेक्शन पर 32 किरायेदारों को सप्लाई पाई गई।

इस तरह की सर्वाधिक शिकायतें देहरादून में मोहनपुर डिवीजन में सामने आ रही हैं। ऐसे मामलों में कार्रवाई के खिलाफ सुनवाई डीएम के स्तर पर होगी। दूसरे स्तर पर हाईकोर्ट में सुनवाई का मौका मिलेगा। चूंकि कार्रवाई इलेक्ट्रिसिटी ऐक्ट के नियम 126 के तहत हो रही है, इसीलिए जल्द राहत के आसार नहीं हैं।

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