त्रिवेंद्र सिंह रावत के खिलाफ बगावत की पहली चिंगारी धर्मनगरी हरिद्वार से ही उठी थी,ये थी बडी वजह जानिएं

हरिद्वार। करीब 4 साल तक मुख्यमंत्री के पद पर सुशोभित रहे त्रिवेंद्र सिंह रावत के खिलाफ पार्टी में बगावत उनके शपथ लेने के कुछ समय बाद से ही शुरू हो गई थी। इस पूरे परिदृश्य में खास बात यह रही कि त्रिवेंद्र सिंह रावत के खिलाफ बगावत की पहली चिंगारी धर्मनगरी हरिद्वार से ही उठी थी।

हरिद्वार में विधायकों का एक खेमा त्रिवेंद्र रावत के खिलाफ पहले दिन से ही मुखर था ,वजह यह थी कि हरिद्वार से एक मंत्री और बनाए जाने की चर्चा थी लेकिन कैबिनेट में शुरू से ही मंत्री के दो पद खाली होने के बाद भी यहां के विधायकों को मौका नहीं दिया गया, फल स्वरूप त्रिवेंद्र रावत के खिलाफ बगावत होनी शुरू हो गई, यह बात बेहद आम रही की कुमाऊं क्षेत्र के एक विधायक के नेतृत्व में हरिद्वार गढ़वाल और कुमाऊं के कई विधायक मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत की कुर्सी हिलाने के लिए लामबंद थे, सितम्बर के महीने मे भी मुख्यमंत्री की खिलाफ श्यामपुर गंगा किनारे एक विधायक के आश्रम मे कुमाउ के विधायक के नेतृत्व मे एक बैठक हुई थी ।

जिसमे हरिद्वार के कई बीजेपी विधायक और जिला अध्यक्ष भी शामिल हुऐ थे उसमे हरिद्वार से सरकार मे मंत्री और मुख्यमंत्री के खिलाफ रणनीति तेैयार हुई थी । इसके बाद भी हरिद्वार में इस गुट की कई बैठक हुई विधायकों ने मुखर होकर भी अपनी बात रखी और अंततः यह चिंगारी सुलगते सुलगते आग के ऐसे गोले में तब्दील हो गई जो आखिरकार मुख्यमंत्री पद से त्रिवेंद्र सिंह रावत की विदाई का कारण ही बन गई।

By admin

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *