उत्तराखंड में मुख्य सचिव के सख्त निर्देश, यहाँ ज्वाइन न करने वाले अधिकारियों पर कार्रवाई के निर्देश, तो प्रदेश में बिजली की कम कटौती के निर्देश…

देहरादून : मुख्य सचिव डॉ. एस. एस. संधु ने सोमवार को सचिवालय में उत्तराखण्ड पावर कारपोरेशन लिमिटेड, उत्तराखण्ड जल विद्युत निगम लिमिटेड, पावर ट्रांसमिशन कारपोरेशन ऑफ उत्तराखण्ड लिमिटेड एवं उरेडा की समीक्षा की। मुख्य सचिव ने उद्योग एवं आमजन की समस्याओं को देखते हुए यूपीसीएल को कम से कम विद्युत कटौती करते हुए विद्युत आपूर्ति करने के निर्देश दिए। उन्होंने कहा कि विद्युत चोरी रोकने के साथ ही लाइन लॉस आदि को लगातार कम करने हेतु विशेष प्रयास किए जाएं। उन्होंने पेड़ों की लॉपिंग के लिए यूपीसीएल और वन विभाग को संयुक्त रूप से कार्य करने के निर्देश दिए ताकि आंधी-तूफान जैसी परिस्थितियों में विद्युत लाइनें न टूटें और विद्युत आपूर्ति बाधित न हो।

मुख्य सचिव ने कहा कि प्रदेश में सोर्स ऑफ एनर्जी बढ़ाए जाने की आवश्यकता पर बल दिया। उन्होंने यूजेवीएनएल को सोलर एनर्जी के क्षेत्र में भी काम करने के निर्देश दिए। उन्होंने सभी अधिकारियों को निर्देश दिए कि शासन और भारत सरकार के स्तर पर लंबित सभी मामलों को शीघ्रता से निस्तारित किया जाए।

मुख्य सचिव ने पिटकुल को उनके सभी महत्वपूर्ण प्रोजेक्ट्स में फॉरेस्ट क्लियरेंस आदि के सम्बन्ध में वन विभाग के साथ संयुक्त बैठक कर प्रकरणों को निस्तारित करते हुए प्रोजेक्ट्स को समय से पूर्ण करने के निर्देश दिए। उन्होंने उरेडा को भी सोलर एनर्जी का उत्पादन बढ़ाए जाने हेतु अध्ययन कराए जाने के निर्देश दिए। उन्होंने उन राज्यों, जिन्होंने सोलर एनर्जी के क्षेत्र में अच्छा कार्य किया है, द्वारा किए गए कार्यों और नवोन्मेषी सुझावों का भी अध्ययन कर राज्य में अपनाए जाने के निर्देश दिए।

इस अवसर पर अपर मुख्य सचिव श्रीमती राधा रतूड़ी, तीनों निगमों के प्रबन्ध निदेशक सहित अन्य उच्चाधिकारी उपस्थित थे।

मुख्य सचिव डॉ. एस. एस. संधु ने सोमवार को सचिवालय में पीडब्ल्यूडी के अंतर्गत केदारनाथ पुनर्निर्माण कार्यों की प्रगति की समीक्षा की। उन्होंने पुनर्निर्माण कार्यों में तेजी लाने हेतु जेई एवं एई की तैनाती हेतु सख्त निर्देश देते हुए ज्वाइन न करने वाले अधिकारियों पर कार्रवाई करने के निर्देश दिए। उन्होंने कहा कि अगले 6, 7 माह में केदारनाथ में बहुत से निर्माण कार्य होने हैं जिनकी स्वयं प्रधानमंत्री जी लगातार समीक्षा कर रहे हैं।

उन्होंने निर्देश दिए कि लेबर को रहने खाने की समस्या न हो इसका विशेष ध्यान रखा जाए, साथ ही उनके बिलों का समय से भुगतान किया जाए। उन्होंने मैटेरियल की आपूर्ति एवं स्टोरेज की उचित व्यवस्था किए जाने के भी निर्देश दिए।

मुख्य सचिव ने कहा कि समय से सभी कार्य पूर्ण हो सकें इसके लिए कर्मचारियों की संख्या बढ़ाई जाए, साथ ही टारगेट भी बढ़ाया जाए। इसके साथ ही मुख्य सचिव ने चेयरमैन ब्रिडकुल श्री आर. के. सुधांशु को निर्देश दिए कि प्रदेश के स्थापित सभी रोप-वे का सुरक्षा की दृष्टि से प्रत्येक 6 माह में निरीक्षण किया जाए।

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