उत्तराखंड में फर्जी पैथोलाजी रिपोर्ट के आधार पर प्राप्त किया करोड़ों का क्लेम, सूचीबद्धता से निलंबित हुआ अस्पताल…..
देहरादून : फर्जी पैथोलाजी रिपोर्ट के आधार पर प्राप्त किया करोड़ों का क्लेम, सूचीबद्धता से निलंबित हुआ अस्पताल
फर्जी पैथोलाजी रिपोर्ट के आधार पर क्लेम प्राप्त करने पर राज्य स्वास्थ्य प्राधिकरण ने एक अस्पताल की सूचीबद्धता निलंबित कर दी है। प्राधिकरण ने अस्पताल प्रबंधन को कारण बताओ नोटिस भी जारी किया है। जिसका जवाब उन्हें पांच कार्य दिवस पर देना होगा।
फर्जी पैथोलाजी रिपोर्ट के आधार पर क्लेम प्राप्त करने पर राज्य स्वास्थ्य प्राधिकरण ने काशीपुर स्थित आयुष्मान स्पेशिलिटी अस्पताल की सूचीबद्धता निलंबित कर दी है। राष्ट्रीय स्वास्थ्य प्राधिकरण के सिस्टम पर अस्पताल का लागइन भी ब्लाक कर दिया है। जो मरीज अभी अस्पताल में इलाज करा रहे हैं, उनके लिए लागइन खुला रहेगा। ताकि वह समुचित इलाज लेकर डिस्चार्ज हो सकें। प्राधिकरण ने अस्पताल प्रबंधन को कारण बताओ नोटिस भी जारी किया है। जिसका जवाब उन्हें पांच कार्य दिवस पर देना होगा। ऐसा न होने पर अस्पताल के खिलाफ एक पक्षीय कार्रवाई अमल में लाई जाएगी। अस्पताल की सूचीबद्धता समाप्त की जा सकती है।
तीन करोड़ से ज्यादा का क्लेम किया था प्रस्तुत
जानकारी के मुताबिक आयुष्मान भारत-प्रधानमंत्री जन आरोग्य योजना, अटल आयुष्मान उत्तराखंड योजना व राज्य सरकार स्वास्थ्य योजना में सूचीबद्ध आयुष्मान स्पेशिलिटी हास्पिटल ने 1324 मामलों में तीन करोड़ 42 लाख पचास हजार 908 रुपये का क्लेम प्रस्तुत किया। इनमें डा. योगेश स्वामी की पैथोलाजी की रिपोर्ट नाम, हस्ताक्षर व अस्पताल की मोहर के साथ दी गई।
जबकि डा. योगेश न अस्पताल में कार्यरत हैं और न ही इससे अन्य कोई संबंध है। उन्होंने अपने नाम का गलत उपयोग करने व फर्जी हस्ताक्षर की पुष्टि लिखित रूप में की है। जिस पर प्राधिकरण ने माना है कि यह एक गंभीर आपराधिक कृत्य है और अस्पताल ने प्राधिकरण के साथ धोखाधड़ी की है। इस तरह के कृत्य से मरीजों की जान को भी खतरा हो सकता है।
प्राधिकरण के अध्यक्ष डीके कोटिया ने बताया कि उक्त प्रकरण में दो करोड़ 91 लाख 81 हजार 598 रुपये के क्लेम का भुगतान अस्पताल को कर दिया गया था। ऐसे में अब इस रकम की रिकवरी की जा रही है। अस्पताल के अन्य क्लेम के 83 लाख 9 हजार 902 रुपये अभी लंबित हैं। जिसका भुगतान रोक दिया गया है। यह रकम रिकवरी के तौर पर समायोजित कर ली गई है। बाकी दो करोड़ 14 लाख 67 हजार 676 रुपये की रिकवरी अब अस्पताल से की जाएगी।