उत्तराखंड में अब सीएम धामी की सख़्ती DM एक्टिव, रजिस्ट्री फर्जीवाड़े में पांच और मुकदमे दर्ज, सहारनपुर से जुड़े खेल के तार……
देहरादून: देहरादून रजिस्ट्री फर्जीवाड़े में नगर कोतवाली पुलिस ने पांच और मुकदमे दर्ज किए हैं। इन प्रकरण में भूमाफिया ने सहारनपुर से देहरादून लाए गए वर्ष 1958 के रिकार्ड में छेड़छाड़ की है। करने के भूमाफिया गिरोह ने वर्ष 1958 की रजिस्ट्रियों मूल पृष्ठ हटाकर उनकी ‘जगह फर्जी स्वामित्व के पृष्ठ जोड़ दिए। इसके आधार पर भूमि पर पावर ऑफ अटार्नी प्राप्त करने के साथ ही उसे विक्रय भी कर दिया। यह मुकदमे सहायक महानिरीक्षक स्टॉप (एआइजी) संदीप श्रीवास्तव की तहरीर पर दर्ज किए गए हैं।
नगर कोतवाली प्रभारी एसआइटी प्रभारी राकेश गुसाईं के अनुसार, सहायक महानिरीक्षक संदीप गुसाई ने सब रजिस्ट्रार कार्यालय में संरक्षित रजिस्ट्री संख्या 2041, ढामुक्त 2844, 2764 व 2716 में छेड़छाड़ की शिकायत दर्ज कराई है। प्रकरण की जांच में पाया गया कि इन रजिस्ट्रियों व संबंधित जिल्द को सहारनपुर से 31 दिसंबर 2022 को सब रजिस्ट्रार कार्यालय देहरादून लाया गया था। यह रजिस्ट्री/विलेख वर्ष 1958 की हैं। इनके परीक्षण में पाया गया कि मूल रजिस्ट्रियों के पृष्ठ हटाकर उनकी जगह दूसरे पृष्ठ जोड़ दिए गए। जिनके माध्यम से स्वामित्व तक बदल दिए गए।
जांच में रजिस्ट्रियों में प्रयुक्त स्याही ताजा पाई गई, जबकि उस दौरान की अन्य रजिस्ट्रियों में प्रयुक्त स्याही धुंधली मिली। कुछ पृष्ठ में उनकी संख्या भी अंकित नहीं मिली, जबकि अन्य रजिस्ट्रियों व जिल्द में ऐसा नहीं था इसके अलावा जिल्द की बाइंडिंग ढीली भी पाई गई, जिसके पृष्ठ बदलने की आशंका गहरा जाती है। लिहाजा, पांचों प्रकरण में अज्ञात के विरुद्ध मुकदमा पंजीकृत कर ण जांच शुरू कर दी गई है। रजिस्ट्री फर्जीवाड़े में अब तक कुल सात प्रकरण सामने आए है।
सहारनपुर से दिसंबर 2022 में देहरादून लाई गई वर्ष 1958 की रजिस्ट्रियों में मिली छेड़छाड़।
• रजिस्ट्रियों में बदले गए पृष्ठ पहले पावर ऑफ अटार्नी ली गई। और फिर बेच डाली जमीन।
• अज्ञात पर दर्ज किए मुकदमे अब तक कुल सात मुकदमों में नौ आरोपितों की हो चुकी गिरफ्तारी।
असली स्वामी का पता नहीं, इसलिए सहायक महानिरीक्षक की तहरीर और पुलिस जांच में यह तो स्पष्ट है। कि रजिस्ट्रियों में छेड़छाड़ की गई है, लेकिन जिन व्यक्तियों के नाम वर्ष 1958 के विलेख में दर्ज हैं या बाद के वर्षों में दर्ज किए गए हैं, उनके स्वामित्व की स्थिति स्पष्ट नहीं है।
वर्ष 2018 से शुरू हुआ खेल।
नगर कोतवाली पुलिस के मुताबिक, वर्ष 1958 की रजिस्ट्रियों/ जिल्दों में छेड़छाड़ करने के बाद संबंधित जमीनों को बेचने का खेल वर्ष 2018 से शुरू किया गया। भूमाफिया गिरोह ने पहले
मुकदमे पंजीकृत कर नौ आरोपितों की गिरफ्तारी की जा चुकी है।
ब्राह्मणवाला क्षेत्र की है भूमिः जिन रजिस्ट्रियों में छेड़छाड़ कर स्वामित्व बदलने की बात सामने आ रही है, वह ब्राह्मणवाला क्षेत्र से संबंधित हैं। इससे पूर्व जो प्रकरण सामने
गिरफ्तार मक्खन सिंह का नाम फिर आया सामने।
रजिस्ट्री फर्जीवाड़े में पूर्व में दर्ज मुकदमे में पीलीभीत निवासी मक्खन सिंह को गिरफ्तार किया जा चुका है। अब मक्खन सिंह का नाम सहारनपुर से लाए गए रिकार्ड से छेड़छाड़ में भी सामने आया है। ताजा प्रकरण में रजिस्ट्री संख्या 2041 में पलटन बाजार निवासी राम चंद्र की ओर से मक्खन सिंह को ब्राह्मणवाला में 0.43 एकड़ भूमि विक्रय किया जाना दिखाया गया है। विक्रय के समय मक्खन सिंह की उम्र सात वर्ष दिखाई गई है, लिहाजा विक्रय विलेख में मक्खन के पिता कश्मीर सिंह के नाम का भी उल्लेख है।
अज्ञात में मुकदमा।
क्योंकि, संभव है कि पूर्व से लेकर हाल के वर्षों में दर्ज नाम भी फर्जी रूप से दर्ज पाए जा सकते हैं। क्योंकि, मक्खन सिंह का नाम भी एक विलेख में वर्ष 1958 में नाबालिग क्रेता के रूप में दर्ज पाया गया है। यही कारण है। अज्ञात में मुकदमा दर्ज किया गया है।
पावर ऑफ अटार्नी तैयार कराई और फिर अटार्नी प्राप्त करने वाले व्यक्ति के माध्यम से जमीनों की बिक्री शुरू कर दी। वर्ष 2018 से 2019 के बीच जमीनों का विक्रय किया गया है।