उत्तराखंड के पहाड़ो मे बर्फबारी, पर्यटको की मौज भी और परेशानी भी, घंटो फसें रहें…….

देहरादून: धनोल्टी-काणाताल में फिर बर्फबारी…जाम से जूझे पर्यटक, चकराता में बर्फ में फंसे कई यात्रियों के वाहनचंबा-मसूरी फलपट्टी क्षेत्र के धनोल्टी, सुरकंडा, काणाताल और बुरांशखंडा क्षेत्र में सोमवार सुबह फिर से बर्फबारी हुई। पर्यटकों ने बर्फबारी का जमकर लुत्फ उठाया।

हालांकि, बर्फबारी के कारण चंबा-मसूरी मार्ग काणाताल और बुरांशखंडा के पास लगभग दो घंटे बंद रहने से पर्यटकों को परेशानियों का सामना करना पड़ावहीं, त्यूणी-चकराता-मसूरी-मलेथा राष्ट्रीय राजमार्ग पर जमी बर्फ के चलते यात्रियों के सात वाहन फंस गए। जिन्हें एडीआरएफ की टीम ने सुरक्षित स्थानों पर पहुंचाया।पर्यटन स्थल धनोल्टी और सुरकंडा मंदिर के साथ ही फलपट्टी क्षेत्र में सोमवार सुबह छह बजे से बर्फबारी शुरू हुई।

बर्फ गिरने की सूचना मिलते ही होटल के कमरों में कैद पर्यटक बाहर निकले और बर्फ में मस्ती करने लगे। मसूरी में ठहरे पर्यटक भी बुरांशखंडा और धनोल्टी के लिए निकल पड़े। हालांकि, बर्फबारी के कारण काणाताल और बुरांशखंडा में मोटर मार्ग बाधित होने से वह धनोल्टी नहीं पहुंच पाए।प्रशासन ने जेसीबी से बर्फ हटवाकर सुबह 11 बजे सड़क यातायात बहाल किया।

तहसीलदार आरपी ममगाईं ने बताया, सड़क से बर्फ गलाने के लिए लगातार चूना डाला जा रहा है। दोनों ओर जेसीबी मशीन भी तैनात की गई है।चकराता में एसडीआरएफ के जवानों ने जैसे-तैसे बर्फ में फंसे वाहनों को किनारे कर 25 लोगों को सुरक्षित स्थानों तक पहुंचाया। वाहनों में फंसे अधिकांश लोग पर्यटक थे, जो बर्फबारी का आनंद लेने पहुंचे थे।

सोमवार की सुबह चकराता की पुलिस ने एसडीआरएफ को सूचना दी कि चकराता से 12 किमी आगे कई वाहन बर्फ में फंसे हैं। वे आगे नहीं बढ़ पा रहे हैं। सूचना पर एसडीआरएफ के जवानों की टुकड़ी जरूरी उपकरण के साथ मौके पर रवाना हुई। सड़क पर अधिक बर्फ जमा होने की वजह से जवान करीब तीन किमी की दूरी पैदल तय कर फंसे वाहनों तक पहुंचे। सड़क के बीचोबीच सात वाहन फंसे हुए थे। जवानों ने एक-एक कर सभी वाहनों को सुरक्षित किनारे लगाया।

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