उत्तराखंड में सदियों पुरानी परंपरा इस राज परिवार के लोग हर साल निभाते है, बद्रीनाथ धाम से है इसका नाता जानिए…..

देहरादून: बदरीनाथ धाम की गाडू घड़ा की रस्म हुई पूरा, महारानी के साथ सुहागिन महिलाओं ने तिलों का तेल पिरोयाश्री बदरीनाथ धाम गाडू घड़ा तेलकलश के लिए बुद्धवार को नरेंद्र नगर स्थित राजमहल में महारानी के साथ सुहागिन महिलाओं ने तिलों का तेल पिरोया।

राजा मनुजयेंद्र शाह तथा महारानी मालाराज्य लक्ष्मी शाह, राजपुरोहित आचार्य कृष्ण प्रसाद उनियाल की उपस्थिति में तेल पिरोने की रस्म पूर्ण की गई। बुधवार शाम को तेल कलश मंदिर समिति के चेलाचेतराम धर्मशाला ऋषिकेश में रात्रिविश्राम के लिए पहुंची पूर्व कार्यकारी अध्यक्ष विनोद डिमरी ने बताया कि तेल कलश यात्रा प्रथम चरण में बुधवार को नरेन्द्र नगर राजदरबार से शुरू हुई।

इसी दिन रात्रि प्रवास को मंदिर समिति के चेला चेतराम धर्मशाला ऋषिकेश पहुंचेगी।13 अप्रैल को प्रात: से ही दोपहर तक चेलाचेतराम धर्मशाला ऋषिकेश में तेलकलश के दर्शन होंगे।

भोग एवं पूजा के पश्चात 13 अप्रैल को तेलकलश श्रीनगर गढ़वाल रात्रि प्रवास हेतु प्रस्थान करेगा 14 अप्रैल को तेलकलश श्रीनगर से लक्ष्मी नारायण मंदिर डिम्मर पहुंचेगा।23 अप्रैल तक श्री लक्ष्मीनारायण मंदिर डिम्मर में तेलकलश की पूजा की जायेगी। द्वितीय चरण में 24 अप्रैल को तेलकलश श्री नृसिंह मंदिर जोशीमठ पहुंचेगा। 25 अप्रैल को आदिगुरु शंकराचार्य जी की गद्दी सहित रावल ईश्वर प्रसाद नंबूदरी के साथ गाडू घड़ा योग बदरी मंदिर पांडुकेश्वर पहुंचेगा।

26 अप्रैल को पांडुकेश्वर से आदिगुरु शंकराचार्य जी की गद्दी एवं रावल जी के साथ ही श्री उद्वव जी श्री कुबेर जी के साथ गाडू घड़ा श्री बदरीनाथ धाम पहुंचेगा। 27 अप्रैल प्रात: सात बजकर 10 मिनट पर श्री बदरीनाथ धाम के कपाट श्रद्धालुओं को दर्शनार्थ खुलेंगे।डिमरी धार्मिक केंद्रीय पंचायत अध्यक्ष आशुतोष डिमरी ने बताया कि ऋषिकेश में 13 अप्रैल प्रात: गाडू घड़ा तेलकलश मंदिर समिति के रेल्वे रोड धर्मशाला में रखा जायेगा।

27 अप्रैल को खुलेंगे कपाटश्री बदरीनाथ धाम के कपाट 27 अप्रैल को प्रात: 7 बजकर 10 मिनट पर विधि-विधान से खुल जायेंगे। ऋषिकेश, देवप्रयाग, श्रीनगर, रूद्रप्रयाग, कर्णप्रयाग, डिम्मर होते हुए तेलकलश यात्रा विभिन्न पड़ावों से होते हुए 26 अप्रैल शाम को बदरीनाथ धाम पहुंच जायेगी। कपाट खुलने के अवसर पर गाडू घड़ा के तिलों के तेल से भगवान बदरीविशाल का छह माह तक यात्राकाल में अभिषेक किया जायेगा

By admin

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *