उत्तराखंड में अब 15 दिन के भीतर बिजली कनेक्शन न दिया तो कार्रवाई, ऐसे करना होगा अब काम……

देहरादून: सेवा का अधिकार…15 दिन के भीतर बिजली कनेक्शन न दिया तो कार्रवाई, ऐसे करना होगा अब काम फ्यूज उड़ने पर नगर क्षेत्र में चार घंटे में और ग्रामीण क्षेत्रों में आठ घंटे में आपूर्ति बहाल करनी होगी। पर्वतीय क्षेत्र जहां चार पहिया न जा सकता हो, वहां 12 घंटे में बहाल करनी होगी। एलटी वितरण लाइन में गड़बड़ होने पर शहरों व गांवों में 12 घंटे और पर्वतीय क्षेत्रों में 24 घंटे में ठीक करनी होगी।

उत्तराखंड में अब बिजली से जुड़ी सेवाएं तय समय में पूरी न करने पर कार्रवाई होगी। इसकी वजह ऊर्जा निगम की 43 सेवाएं सेवा के अधिकार अधिनियम 2011 के तहत अधिसूचित करना है। अब यूपीसीएल को बिजली का कनेक्शन 15 दिन में जारी करना होगा। चलते फिरते ट्रांसफार्मर आठ घंटे में बदलने होंगे।इसी तरह सर्विस लाइन या खंभे के टूटने पर शहरों में छह घंटे, गांवों में 12 घंटे और पर्वतीय क्षेत्रों में 24 घंटे में आपूर्ति बहाल करनी होगी। इसके तहत जहां वितरण मेंस को विस्तार करना होगा, वहां 60 दिन में बिजली कनेक्शन देना होगा।

जहां 11 केवी सब स्टेशन लगाना होगा, वहां 90 दिन में और जहां 33 केवी सब स्टेशन लगाना होगा वहां 180 दिन के भीतर नए एलटी कनेक्शन देने अनिवार्य होंगे।390 दिन तक में करना होगा काम पूरा
इसी प्रकार एचटी कनेक्शन के लिए भी 60 से 300 दिन का समय तय कर दिया गया है। जहां कनेक्शन के लिए 33 केवी का सब स्टेशन बनाना होगा वहां 360 दिन में, जहां 33 केवी सब स्टेशन की क्षमता बढ़ानी होगी, वहां 300 दिन में, जहां उप संस्थान के विस्तारीकरण की जरूरत होगी, वहां 390 दिन तक में काम पूरा करना होगा।

एलटी कनेक्शन के लिए जहां लाइनों या सब स्टेशन में परिवर्तन की जरूरत होगी, वहां 15 दिन, एचटी-ईएचटी कनेक्शन के लिए 30 दिन का समय तय किया गया है। फ्यूज उड़ने पर नगर क्षेत्र में चार घंटै में और ग्रामीण क्षेत्रों में आठ घंटे में आपूर्ति बहाल करनी होगी। पर्वतीय क्षेत्र जहां चार पहिया न जा सकता हो, वहां 12 घंटे में बहाल करनी होगी। एलटी वितरण लाइन में गड़बड़ होने पर शहरों व गांवों में 12 घंटे और पर्वतीय क्षेत्रों में 24 घंटे में ठीक करनी होगी। ट्रांसफार्मर फेल होने पर शहरों-गांवों में 48 घंटे और पर्वतीय क्षेत्रों में 72 घंटे में ठीक करना होगा।

बिल की शिकायत का निवारण 15 दिन में करना होगा।
मीटर में गड़बड़ी की शिकायत का समाधान 30 दिन के भीतर करना होगा। इसके बाद 15 दिन के भीतर जरूरत पड़ने पर मीटर बदलना होगा। संपत्ति के मालिक बदलने पर दो माह के भीतर उपभोक्ता का नाम बदलना होगा। कानूनी वारिस को भी दो माह के भीतर हस्तांतरण करना होगा। बिल की शिकायत का निवारण 15 दिन में करना होगा।

बिजली कनेक्शन काटने के आवेदन पर सात दिन में निर्णय लेना होगा। बिजली संबंधी दुर्घटना होने पर बाह्य व्यक्ति की मृत्यु पर एफआईआर दर्ज होने के 48 घंटे के भीतर 80 हजार रुपये भुगतान करना होगा। बाकी धनराशि निदेशक विद्युत सुरक्षा निदेशालय की जांच के बाद 3,20,000 रुपये अदा करनी होगी। ये काम 15 दिन में करना होगा। पशुधन की मृत्यु पर भी 15 दिन में रिपोर्ट देनी होगी।एक दिन में आठ घंटे से अधिक कटौती नहीं।

बिजली किल्लत या किसी अन्य वजह से कटौती करने की जरूरत हो तो शाम के छह बजे से पहले अधिकतम आठ घंटे तक ही कटौती की जा सकेगी। इसी प्रकार सौर ऊर्जा से जुड़ी परियोजनाओं को ग्रिड से कनेक्ट करने का काम 30 दिन के भीतर पूरा करना होगा। सेवा का अधिकार अधिनियम के दायरे में आने वाले सभी सेवाओं के समय से पूरा न होने पर अपीलीय अधिकारी (विभागीय अधिकारी) के पास प्रथम अपील होगी। इससे असंतुष्ट होने पर सेवा का अधिकार आयोग के पास दूसरी अपील होगी।

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