एक बदंर ने लिया कुत्ते के बच्चे को गोद, माँ बाप की तरह उसे पालकर इंसानों को सिखाई इंसानियत

हम आए दिन न्यूज़ पेपर और टीवी पर ऐसी खबरें पढ़ते और सुनते रहते हैं, जिसमें एक इंसान ही इंसान का गला काट रहा होता है और अपने नवजात शिशुओं को बेसहारा मरने के लिए छोड़ रहा है, कई बार तो नवजात शिशुओं के शव भी नालियों में मिलते हैं, तो ज़रा सोचिए इससे ज़्यादा शर्मिंदा करने वाली बात क्या होगी।

इंसानों की इंसानियत जैसे ख़त्म होते जा रहे हैं और हैवा नियत बढ़ती जा रही है। इंसानों में भले ही मानवीय गुण ख़त्म हो रहे हों लेकिन हम एक ऐसी घटना बताने जा रहे हैं जिससे आपको पता चलेगा कि जानवरों में इंसानों से ज़्यादा दया भाव और इंसानियत होती है।


यह घटना दक्षिण भारत की है जहाँ पर एक बंदर एक कुत्ते के बच्चे को बचाने के लिए पूरे प्रयत्न करता दिखाई देता है। इंसान भले ही एक दूसरे के दुश्मन बन जाए लेकिन अक्सर जानवर सिर्फ़ अपनी प्रजाति के ही नहीं बल्कि दूसरी प्रजाति के जानवरों के बच्चों से भी प्यार करते दिखाई देते हैं। यह घटना आपको हैरान अवश्य करेगी क्योंकि कुत्तों को तो हमने बंदरों के पीछे भोंकते हुए देखा है लेकिन किसी बंदर को कुत्ते के बच्चे को पालते हुए नहीं देखा।

बंदर द्वारा किया गया यह कार्य आश्चर्यजनक ही था। दरअसल एक रीसस मकाक प्रजाति के बंदर ने जब सड़क पर घूमते एक छोटे से कुत्ते के बच्चे को अकेला पाया तो उसने जल्दी से उसे माँ की तरह अपनाकर उसे प्यार से अपने साथ रखा। मानो उस बंदर ने उसे गोद ले लिया हो। इतना ही नहीं वह बंदर कुछ छोटे कुत्ते के बच्चे की रक्षा के लिए दूसरे आवारा कुत्तों से भी लड़ रहा था। इसलिए उस बंदर को देखकर कोई जानवर उस छोटे कुत्ते को परेशान करने नहीं आ पाया।


यह अनोखा दृश्य सबके मन में कौतूहल पैदा कर रहा था कि एक बंदर का एक कुत्ते के बच्चे के प्रति इतना प्रेम कैसे हो सकता है। उस बंदर और छोटे कुत्ते का स्नेह माँ और बच्चे जैसा ही था। जिसने भी यह दृश्य देखा वह भाव विभोर हो गया। फिर वहाँ के लोगों ने जब बंदर और कुत्ते के बच्चे के लिए भोजन रखा तो सभी यह देखकर आश्चर्य में पड़ गए कि बंदर ने पहले कुत्ते के बच्चे को ही खाना दिया और बाद में उसने खाया।

वहाँ से जो भी गुजर रहा था इस दृश्य को देखकर मोहित हो वहीं ठहर जाता था। सभी ने इस घटना की कई तस्वीरें ली और संजय पांडेय नाम के एक शख़्स ने इन्हें फ़ेसबुक पर भी शेयर किया। अब तक इन तस्वीरों को 170, 000 बार देखा जा चुका है।

यह घटना मनुष्यों को मानवता का पाठ पढ़ाती है, जहाँ एक और इंसान, इंसानों के ही बच्चों को प्यार नहीं दे पाते हैं वहीं एक जानवर का दूसरी प्रजाति के जानवर के प्रति इतना लगाव, दयाभाव और उसका निस्वार्थ प्रेम सभी को अच्छी सीख देता है।

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