उत्तराखंड में यहाँ दरोगा ने चार हजार रुपयों के लिए बेच दिया अपना ईमान, रिश्वत लेते रंगे हाथों गिरफ्तार…..

देहरादून: मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी के “भ्रष्टाचार मुक्त उत्तराखण्ड अभियान” के तहत प्रदेश में लगातार कार्रवाई जारी है। प्रदेश में बीते 30 दिनों में भ्रष्टाचार के ख़िलाफ़ 6 बड़ी कार्रवाई करते हुए विजिलेंस ने कड़े तेवर दिखाए हैं।जिसके तहत कुमाऊँ परिक्षेत्र में 4 एवं गढ़वाल परिक्षेत्र में दो कार्रवाई की जा चुकी हैताजा मामला जनपद ऊधमसिंहनगर का है जहां विजिलेंस ने ₹4000 रिश्वत लेते दरोग़ा को रंगे हाथों गिरफ्तार किया है।

शिकायतकर्ता ने टोल फ्री हेल्पलाइन नम्बर 1064 पर शिकायत करते हुए बताया कि उसका ऊधमसिंह नगर स्थित गणेशपुर क्षेत्र में मकान बन रहा है, जिसके लिये उसने अपने पड़ोसियों से लाइट ली हुई थी जिस कारण बिजली विभाग के जेई ने बिजली चोरी करने का आरोप लगाते हुये उसके विरूद्ध थाना कैलाखेड़ा में शिकायत दर्ज करायी है। जिस पर कैलाखेड़ा थाने में तनौत दरोग़ा मोहन सिंह बोहरा द्वारा मुकदमा न लिखने के एवज में ₹4000 की माँग की जा रही है।

विजिलेंस ने मंगलवार को इस मामले में कार्रवाई करते हुए भ्रष्ट दरोगा को गिरफ़्तार कर लिया। इससे पहले हरिद्वार में विजलेंस से एक दरोगा को भ्रष्टाचार के मामले में संलिप्त पाते हुए मुकदमा दर्ज किया था और घूस लेने वाले पीआरडी जवान की गिरफ्तारी मौके पर कर दी थी। इस मामले में दरोगा के खिलाफ कार्रवाई जारी है। मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने स्पष्ट शब्दों में अधिकारियों को पहले से ही यह निर्देश दिए हैं कि प्रदेश में भ्रष्टाचार को एक अभियान के रूप में लेते हुए इसके खिलाफ ताबड़तोड़ कार्रवाई की जाए।

मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने कहा कि प्रदेश में भ्रष्टाचार के खिलाफ कार्रवाई लगातार जारी है प्रदेश में जो भी अधिकारी एवं कर्मचारी भ्रष्टाचार में लिप्त है उन्हें किसी भी क़ीमत में सहा नहीं जाएगा। मुख्यमंत्री ने विजिलेंस को यह भी निर्देश दिए हैं कि भ्रष्टाचार में लिफ्त कार्मिकों के ख़िलाफ़ न्यायालय में मजबूत पैरवी की जाए ताकि सुसंगत धाराओं में न्यायालय के समक्ष मजबूत साक्ष्य पेश करते हुए भ्रष्टकार्मिकों के खिलाफ कठोर कार्रवाई की जाए

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