उत्तराखंड में अबकी सामान्य से ज्यादा बरसेगा मानसून, अलर्ट मोड पर मौसम विभाग……

देहरादून: अबकी सामान्य से ज्यादा बरसेगा मानसून, अलर्ट मोड पर मौसम विभागमौसम विभाग मौसम संबंधी जानकारियों को लेकर लगातार अलर्ट भेजता है। इसका अनुपालन किया जाए तो आपदाओं के प्रभावों को काफी हद तक कम किया जा सकता है।मौसम विभाग ने इस वर्ष मानसून सीजन में सामान्य से अधिक बारिश होने का पूर्वानुमान जताया है।

मौसम विभाग के निदेशक डॉ. बिक्रम सिंह के अनुसार, इस बात की संभावना 60 फीसदी से अधिक है। लिहाजा, सभी विभागों को अभी से इसी हिसाब से अपनी तैयारियां शुरू कर देनी चाहिए।बृहस्पतिवार को उत्तराखंड राज्य आपदा प्रबंधन प्राधिकरण (यूएसडीएमए) की ओर से मानसून की तैयारियों को लेकर विभिन्न विभागों के लिए आयोजित प्रशिक्षण शिविर में डॉ. बिक्रम सिंह ने कहा, मौसम विभाग मौसम संबंधी जानकारियों को लेकर लगातार अलर्ट भेजता है। इसका अनुपालन किया जाए तो आपदाओं के प्रभावों को काफी हद तक कम किया जा सकता है। जानमाल के नुकसान में भी कमी लाई जा सकती है।कहा, मौसम विभाग की ओर से इंपेक्ट आधारित पूर्वानुमान जारी किया जा रहा है, जिससे विभिन्न विभागों को समय रहते अपनी तैयारियां करने का पर्याप्त समय मिल जाता है।

कहा, विभाग मौसम की रियल टाइम मॉनिटरिंग भी कर रहा है। मौसम विशेषज्ञ रोहित थपलियाल ने बताया, मौसम विभाग की वेबसाइट पर पल-पल की जानकारी मौजूद है और कई प्रसार माध्यमों से इन जानकारियों को लोगों तक पहुंचाया जा रहा है।उत्तराखंड भूस्खलन न्यूनीकरण एवं प्रबंधन केंद्र (यूएलएमएमसी) के निदेशक डॉ. शांतनु सरकार ने कहा, राज्य में भूस्खलन संभावित क्षेत्रों में बरसात के दौरान सतर्क रहने की जरूरत है। ऐसे सभी क्षेत्रों के लिए न्यूनीकरण एवं प्रबंधन उपायों में संबंधित विभाग तेजी लाएं।

उन्होंने जल निकासी व्यवस्था को दुरुस्त करने, भूस्खलन संभावित क्षेत्रों में आधुनिक तकनीक से रिटेनिंग वॉल बनाने, तारबाड़ करने, भूस्खलन क्षेत्रों की निगरानी तथा अर्ली वार्निंग जारी करने, रॉक फाल जोन की मैपिंग करने के संबंध में विस्तार से बताया।

कहा, भूस्खलन संभावित क्षेत्रों में रोड पर शेल्टर्स (एक तरह की सुरंग) बनाना अच्छा विकल्प है। इससे मलबा शेल्टर के ऊपर गिरेगा और शेल्टर के नीचे यातायात सामान्य रूप से चलता रहेगा। यूएसडीएमए के एसईओसी प्रभारी राहुल जुगरान ने मानसून तथा चारधाम यात्रा को लेकर विभाग की तैयारियों के बारे में बताया। कहा, मानसून तथा चारधाम यात्रा को लेकर यूएसडीएमए पूरी तरह से तैयार है।

इस दौरान प्रशिक्षण एवं क्षमता विकास विशेषज्ञ जेसिका टेरोन, आईईसी विशेषज्ञ मनीष भगत के अलावा सभी जिलों के डीडीएमओ, सीएमओ, लोक निर्माण विभाग, शिक्षा, वन, उद्यान, पंचायती राज विभाग, पिटकुल, एनडीआरएफ, एसडीआरएफ, पुलिस विभाग आदि विभागों के अधिकारियों ने प्रतिभाग किया।जब बिजली कड़के तो नहाएं न बर्तन धोएं

प्रशिक्षण शिविर में यूएसडीएमए के स्वास्थ्य विशेषज्ञ डॉ. विमलेश जोशी तथा मौसम विशेषज्ञ डॉ. पूजा राणा ने बिजली से बचाव के उपायों के बारे में बताया। कहा, बिजली गिरने की घटना को गंभीरता से लेने की जरूरत है, क्योंकि हर साल काफी संख्या में लोग बिजली की चपेट में आकर कीमती जिंदगी गंवा देते हैं।

बताया, जब घर के अंदर हों तो बिजली के स्विच से प्लग निकाल दें। तार वाले फोन का प्रयोग कतई नहीं करें। जब बिजली कड़क रही हो, उस समय न तो नहाना चाहिए और न ही बर्तन धोने चाहिए। बताया, जब घर से बाहर हों तो अधिक एहतियात बरतने की जरूरत है। किसी पेड़ के नीचे खड़े रहना या बिजली अथवा किसी अन्य पोल के सहारे खड़ा रहना खतरनाक हो सकता है। यदि बोटिंग या स्वीमिंग कर रहे हों तो पानी से बाहर आना जरूरी है।

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