नववर्ष के अवसर पर नगर के विभिन्न मंदिरों में हुई पूजा अर्चना-विश्व कल्याण की कामना-कोरोना से मुक्ति की प्रार्थना……
रुड़की। नव वर्ष के उपलक्ष में नगर के विभिन्न मंदिरों में पूजा अर्चना और हवन का आयोजन किया गया इस दौरान देश में और विश्व में अमन शांति की प्रार्थना की गई।
श्री सोना देवी शिव मंदिर स्थित पुरानी तहसील में नववर्ष की पावन बेला पर हवन-पूजन एवं यज्ञ का आयोजन किया गया। इस दौरान आचार्य पंडित रमेश सेमवाल ने हवन पूजन पूर्णाहुति के साथ संपन्न कराया और आरती के बाद भगवान से नववर्ष में नई ऊंचाइयों पर पहुंचाने की कामना की गई। साथ ही कहा कि भगवान श्रीहरि सभी के जीवन में सुख-समृद्धि लाए और दुखों से मुक्ति मिले। उन्होंने सभी से आह्वान करते हुए कहा कि वर्ष 2020 में प्रत्येक व्यक्ति को परेशानियों का सामना करना पड़ा। यहीं नहीं जीवन यापन में भी बड़ी कठिनाइयां हुई। उन्होंने कहा कि वर्ष 2021 में सभी के जीवन में मंगल शुभकामनाएं आए, ऐसी प्रभू से कामना की गई।
उन्होंने कहा कि सभी अपने नित्य और सत्कर्म करते रहे, प्रभू सभी की कामनाओं को पूरा करेंगे। हवन यज्ञ में मुख्य यजमान के रुप में विधायक प्रदीप बत्रा रहे। यज्ञ में मेयर प्रतिनिधि अविनाश त्यागी, मोहित राष्ट्रवादी, इंदर बधान, विकास शर्मा, कुंवर नागेश्वर, नितिन शर्मा, पूनम सिंह, हरिओम गुप्ता, गौरव त्यागी, रामकुमार गुप्ता, रजनी सिंह, नवीन शर्मा, धर्मवीर शर्मा, सुलक्षणा सेमवाल, अदिति सेमवाल समेत बड़ी संख्या में गणमान्य लोगों ने हवन यज्ञ में भाग लिया। वहीं दूसरी ओर दुर्गा चौक मंदिर में विश्व कल्याण हेतु एवं कोरोनावायरस से मुक्ति के लिए माया का आयोजन किया गया
पंडित जगदीश पैन्यूली वह पंडित कृष्णा चमोली द्वारा देशवासियों को विद्या बुद्धि वयस्क ईट देने की प्रार्थना करते हुए महामृत्युंजय बा देवी दुर्गा के बीज मंत्रों का पाठ किया गया इस अवसर पर पूर्व में यशपाल राणा अचल मित्तल श्रेष्ठा राणा जगदीश शर्मा नितिन गोयल प्रियंका आद्विक शर्मा सुरजीत सोनकर अनिल अग्रवाल कैलाश ठाकुर इंद्रपाल वेदी ललित पप्पू पापा लाल आदि लोग मौजूद रहे। वहीं श्री आदिशक्ति गायत्री मंदिर में न्यू कैलेंडर ईयर 2021 का स्वागत बड़े हर्षोल्लास के साथ किया गया।
जिसमें 2100 दीपक देसी घी के जलाकर 2021 का शुभारंभ किया।
गंगा माता आरती एवं गायत्री माता आरती के साथ हनुमान चालीसा का सामूहिक पाठ कर भक्ति और शक्ति की प्रार्थना की गई। गायत्री मंत्र का सामूहिक जप द्वारा सभी के उज्जवल भविष्य की एवं सद्बुद्धि की प्रार्थना की गई।