इंडिया टीम के पूर्व कप्तान एमएस धोनी फिर से चर्चा में अब इस IPS अधिकारी को लगा झटका…

दिल्ली : टीम इंडिया (Team India) के पूर्व कप्तान एमएस धोनी (MS Dhoni) फिर से चर्चा में आ गए हैं. आईपीएस अधिकारी जी संपत कुमार पर किए गए 100 करोड़ रुपये के मानहानि केस के मामले में मद्रास हाईकोर्ट (Madras High Court) ने बड़ा फैसला दिया. इस खबर से माही के फैंस में खुशी की लहर दौड़ गई दरअसल, पूर्व कप्तान एमएस धोनी (MS Dhoni) ने आईपीएस अधिकारी जी संपत कुमार (IPS G Sampat Kumar) पर 100 करोड़ रुपये का मानहानि केस किया है।

इस मामले पर गुरुवार को मद्रास हाईकोर्ट (Madaras High Court) में सुनवाई हुई. धोनी की तरफ से की गई मानहानि केस पर रोक लगाने के लिए आईपीएस अधिकारी ने गुहार लगाते हुए कोर्ट में याचिका दायर की थी. हालांकि, IPS अधिकारी को कोर्ट से भी मायूसी हाथ लगी

अदालत ने इस मामले में आईपीएस अधिकारी की याचिका को खारिज करते हुए मानहानि केस पर रोक लगाने से इनकार कर दिया. आईपीएस अधिकारी को निचली अदालत से भी झटका लगा था जब मैच फिक्सिंग के आरोपों से जुड़े इस मामले में अदालत ने धोनी के केस को रिजेक्ट करने से साफ मना कर दिया था.जस्टिस एन शेषशायी ने 2014 में कथित तौर पर आईपीएल सट्टेबाजी और मैच फिक्सिंग के आरोपों से जुड़े एक मामले पर सुनवाई करते हुए कहा।

इस समय किसी भी तरह का आदेश देने से केस के आगे बढ़ने पर असर पड़ेगा.’

मद्रास हाईकोर्ट ने इसके बाद मानहानि केस मामले में रोक लगाने वाली याचिका खारिज कर दी. धोनी की तरफ से आईपीएस पर 2014 में 100 करोड़ रुपये की मानहानि का केस किया गया था.
बता दें कि पूर्व कप्तान MS Dhoni ने साल 2014 में IPS के खिलाफ 100 करोड़ रुपये की मानहानि का केस किया था. धोनी की तरफ से दायर याचिका में कहा गया था कि एक टीवी मीडिया कंपनी के अलावा कुछ लोगों ने कथित तौर पर उनकी छवि खराब करने वाली खबरें चलाईं. जिसके मुताबिक धोनी IPL के मैचों में मैच व स्पॉट फिक्सिंग और सट्टेबाजी में शामिल थे।

धोनी ने जी संपत कुमार समेत मानहानि के मामले में शामिल आरोपियों पर बयान देने और उन्हें छापने पर रोक लगाने की गुहार लगाई थी. विदित हो कि आईपीएल स्पाट फिक्सिंग विवाद में सीएसके पर दो साल का बैन लगाया गया था सीएसके के पूर्व टीम प्रिंसिपल और बीसीसीआई के तत्कालीन अध्यक्ष एन श्रीनिवासन के दामाद मयप्पन पर कार्रवाई हुई थी. वहीं, संपत कुमार आईपीएल सट्टेबाजी मामले की जांच में शामिल थे।

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