जनवरी के महंगाई भत्‍ते में हो गया नुकसान, जानिए क्‍या कहते हैं ताजा आंकड़े…..

दिल्ली : महंगाई भत्‍ते में इस बार कैसी बढ़ोतरी होगी यह जुलाई में पता चलेगा। लेकिन कंज्‍यूमर प्राइस इंडेक्‍स के आंकड़े आना शुरू हो गए हैं। इसमें जनवरी में नुकसान हुआ है। इसका असर जुलाई में होने वाली DA बढ़ोतरी पर पड़ेगा।

केंद्रीय कर्मचारियों के जनवरी के महंगाई भत्‍ते (Dearness Allowance, DA) में नुकसान हो गया है। इस महीने के कंज्‍यूमर प्राइस इंडेक्‍स (CPI) के आंकड़े में गिरावट दर्ज की गई है। इससे छमाही बढ़ोतरी पर असर पड़ेगा। जानकारों की मानें तो DA में अब जुलाई में बढ़ोतरी होगी लेकिन इंडेक्‍स के आंकड़े आना शुरू हो गए हैं, जो भत्‍ते में बढ़ोतरी पर असर डालेंगे।

एजी ऑफिस ब्रदरहुड के पूर्व अध्‍यक्ष एचएस‍ तिवारी ने बताया कि All India Consumer Price Index (AICPI) के जनवरी के आंकड़े में 0.3 प्‍वाइंट की कमी दर्ज की गई है। ये आंकड़े श्रम और रोजगार मंत्रालय ने देश के 88 औद्योगिक रूप से महत्वपूर्ण केंद्रों में स्थित 317 बाजारों से एकत्रित खुदरा कीमतों (Retail Prices) के आधार पर लिए हैं। इंडेक्‍स को 88 केंद्रों और पूरे देश के लिए तैयार किया गया है। तिवारी के मुताबिक AICPI हर महीने की आखिरी वर्किंग डे को जारी किया जाता है।

तिवारी के मुताबिक जनवरी, 2022 के लिए ऑल इंडिया सीपीआई-आईडब्ल्यू 0.3 अंकों की कमी के साथ 125.1 (एक सौ पच्चीस और एक अंक) पर रहा। हालांकि 1 महीने के बदलाव को देखें तो यह पिछले साल के इसी अवधि के 0.51 प्रतिशत की कमी की तुलना में 0.24 प्रतिशत ही कम हुआ है।

तिवारी के मुताबिक साल-दर-साल मुद्रास्फीति पिछले महीने के 5.56 प्रतिशत और एक साल पहले इसी महीने के दौरान 3.15 प्रतिशत की तुलना में 5.84 प्रतिशत रही। इसी तरह, खाद्य मुद्रास्फीति पिछले महीने के 5.93 प्रतिशत और एक साल पहले इसी महीने के 2.38 प्रतिशत के मुकाबले 6.22 प्रतिशत रही। तिवारी ने बताया कि फरवरी, 2022 के लिए सीपीआई-आईडब्ल्यू का अगला अंक 31 मार्च, 2022 को आएगा।

लेबर मिनिस्‍ट्री के डिप्‍टी डीजी श्‍याम सिंह नेगी के मुताबिक वर्तमान सूचकांक में अधिकतम गिरावट का दबाव खाद्य और पेय पदार्थ समूह से आया है, जो इंडेक्‍स में 0.82 प्रतिशत अंक का योगदान देता है। ताजा मछली, सरसों का तेल, सेब, गाजर, फ्रेंच बीन, लहसुन, बैंगन, फूलगोभी, भिंडी, प्याज, मटर, आलू, मूली, टमाटर आदि सूचकांक में गिरावट के लिए जिम्मेदार हैं। हालांकि, इस कमी को मकान किराया, चावल, गेहूं, भैंस-दूध, बकरी का मांस/मटन, संतरा, चुकंदर, सूखी मिर्च, पका हुआ भोजन आदि द्वारा नियंत्रित किया गया, जिससे सूचकांक पर दबाव पड़ा।

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