पूरे उत्तराखंड में 29 जून तक पहुंचेगा मॉनसून, शुरुआती बारिश के बाद कई जिलों में भूस्खलन से सड़कें बंद……..
देहरादून: उत्तराखंड में बीते 24 घंटों में 15.2 मिमी बारिश दर्ज की गई, जिसमें बागेश्वर में 58.6 मिमी, नैनीताल में 47.5 मिमी, चंपावत में 35.4 मिमी, चमोली में 29 मिमी और देहरादून में 18.2 मिमी बारिश दर्ज की गई।
उत्तराखंड के लोगों को खुशखबरी देते हुए मौसम विभाग ने कहा है कि 29 जून तक मॉनसून पूरे राज्य में पहुंचने की संभावना है। इस दौरान विभाग ने पिथौरागढ़, बागेश्वर, रुद्रप्रयाग, अल्मोड़ा, चंपावत, चमोली, टिहरी, देहरादून, यू.एस. नगर, पौड़ी और नैनीताल सहित राज्य के अन्य कई स्थानों पर हल्की से भारी मॉनसूनी बारिश होने की संभावना जताई है। उधर गुरुवार को हरिद्वार जिले में गरज के साथ हल्की से मध्यम बारिश हुई, जिससे तापमान में गिरावट आई है।
इस बारे में जानकारी देते हुए भारतीय मौसम विभाग (IMD) देहरादून केंद्र के ड्यूटी ऑफिसर ने कहा, ‘गुरुवार को राज्य के अधिकांश हिस्सों में मॉनसून पहुंच गया है और 29 जून तक पूरे उत्तराखंड में पहुंच जाएगा, जबकि 28 जून से 1 जुलाई तक अलग-अलग स्थानों पर भारी बारिश होने की संभावना है।’
उधर चंपावत जिले में भूस्खलन और चट्टानें गिरने के कारण छह ग्रामीण सड़कें यातायात के लिए बंद कर दी गईं। पूर्णागिरि मंदिर जाने वाली सड़क का हिस्सा बटनगर में पत्थर और मिट्टी के खिसकने के कारण बंद कर दिया गया, जबकि भारी बारिश के कारण एक पेड़ उखड़कर पंपापुर में बिजली की लाइन पर गिर गया, जिससे 11 किलोवाट की चल्थी फीडर में खराबी आ गई। इस बारे में जानकारी देते हुए चंपावत जिला आपदा प्रबंधन अधिकारियों ने बताया कि मरम्मत का काम जारी है। टनकपुर-चंपावत राष्ट्रीय राजमार्ग 109 समेत कुल छह सड़कें बंद हैं। एनएच 109 किमी 27 पर मलबा आने से बंद है। प्रशासन राष्ट्रीय राजमार्ग को खोलने में जुटा हुआ है।
भारी बारिश के कारण धौन से सल्ली, धौन से द्यूरी तक की सड़क का हिस्सा भी मिट्टी के खिसकने और पत्थर गिरने के कारण बंद हो गया। सड़क से मिट्टी के खिसकने और पत्थर गिरने के बाद उसे यातायात के लिए खोलने के लिए जेसीबी मशीनें भेजी गईं, तब जाकर रास्ता खुल सका।
उधर उत्तराखंड के कुमाऊं मंडल में मौसम की पहली बरसात से जन जीवन पर व्यापक असर पड़ा है। कुमाऊं मंडल के अधिकांश जिलों में बीती रात से भारी बरसात हो रही है। पिथौरागढ़ जिले की गंगोलीहाट, डीडीहाट, धारचूला, मुनस्यारी, बंगापानी, तेजम, थल और पिथौरागढ़ तहसीलों में सामान्य से भारी बरसात हुई है। सबसे अधिक बरसात बंगापानी, मुनस्यारी और धारचूला में हुई है। धारचूला- पिथौरागढ़ मार्ग मलबा आने से कई घंटे बंद रहा, जिससे अगला आदि कैलाश जाने वाले पर्यटक कुछ समय तक फंसे रहे। लेख धारचूला में भी पहाड़ी से मलबा आने की खबरे हैं।