उत्तराखंड के विधायको की जेब में फस गया उत्तराखंड का विकास, विधायक निधि खर्च करने में फिसड्डी साबित हुए विधायक….

देहरादून : 9 नवंबर को उत्तराखंड राज्य गठन को 21 साल पूरे होने जा रहे हैं। इन 21 सालों में राज्य आंदोलनकारियों के सपनों का उत्तराखंड नहीं बन पाया। विकास को ध्यान में रखते हुए उत्तराखंड राज्य का गठन किया गया था, लेकिन हमारे माननीयों को शायद प्रदेश की डगमगाती व्यवस्था से कोई लेना-देना ही नहीं है। तभी तो विधायक और मंत्री अपनी निधि को ही खर्च नहीं कर पाए हैं।

उत्तराखंड केे वर्तमान विधायकों को 2017 से सितम्बर 2021 तक कुल 1256.50 करोड़ रूपयेे की विधायक निधि उपलब्ध हुुई जबकि उसमें सेे सितम्बर 2021 तक केवल 77 प्र्रतिशत 963.40 करोड़़ की विधायक निधि ही खर्च होे सकी। 23 प्रतिशत 293.10 करोेड़ की विधायक निधि खर्च होेनेे को शेष हैै। सूचना अधिकार कार्यकर्ता नदीम उद्दीन को ग्राम्य विकास आयुक्त कार्यालय द्वारा उपलब्ध करायी गयी सूचना सेे यह मामला प्र्रकाश मेें आया हैै।

काशीपुर निवासी सूचना अधिकार कार्यकर्ता नदीम उद्दीन नेे उत्तराखंड केे ग्राम्य विकास आयुक्त कार्यालय सेे विधायक निधि खर्च सम्बन्धी सूचना मांगी थी। जिसके उत्तर मेें लोक सूचना अधिकारी/उपायुक्त (प्रशासन) हरगोविंद भट्ट द्वारा अपनेे पत्रांक 1702 केे साथ विधायक निधि वर्ष 2017-18 से 2022-22 का विवरण सितम्बर 2021 उपलब्ध कराया है। जिसमें सितम्बर 2021 के अंत तक की विधायक निधि खर्च का विवरण दिया गया हैै।

नदीम कोे उपलब्ध सूूचना केे अनुुसार उत्तराखंड के 71 विधायक को 17.75 करोड़ रूपयेे प्रति विधायक की दर सेे 1256.50 करोड़ रूपयेे की विधायक निधि सितम्बर 2021 तक उपलब्ध करायी गयी। इसमें सेे अक्टूबर 2021 केे प्रारंभ में 293.10 करोड़ रुपये की विधायक निधि खर्च होेनेे कोे शेष हैै। उत्तराखंड के 71 विधायकों में से 12 विधायको की 70 प्रतिशत से कम विधायक निधि खर्च हुई है जबकि 1 विधायक की केवल 50 प्रतिशत विधायक निधि ही खर्च हुई हैै। जबकि 90 प्रतिशत विधायक निधि खर्च होने वालेे विधायकों में केवल एक विधायक शामिल हैै।

सबसेे कम विधायक निधि 50 प्रतिशत खर्च वालों में केदारनाथ विधायक मनोज रावत है। जबकि सर्वाधिक 90 प्रतिशत खर्च वाले नैैनीताल विधायक संजीव आर्य हैै। नदीम को उपलब्ध सूचना के अनुसार 60 प्रतिशत विधायक निधि खर्च वाले विधायक धनसिंह है। 61 से 65 प्रतिशत खर्च वालेे विधायकों में महेश नेेगी, सुरेन्द्र सिंह नेगी, सहदेेव पुण्डीर शामिल हैै। 66 से 70 प्रतिशत वालों में प्रीतम सिंह, मगन लाल शाह, मदन सिंह कौशिक, मुन्ना सिंह चैहान, करन मेहरा, पुष्कर सिंह धामी, विनोद चमोली, महेन्द्र भट्ट शामिल हैै।71 से 75 प्रतिशत खर्च वाले विधायकोें में प्रेम चन्द्र, यशपाल आर्य, सुरेन्द्र सिंह जीना, राजकुमार ठुकराल, केदार सिंह रावत, खजान दास, हरवंश कपूर, गोविन्द सिंह कुंजवाल, त्रिवेन्द्र सिंह रावत, सतपाल महाराज, राजकुमार, विजय सिंह पंवार, सुबोध उनियाल शामिल है।

76 से 80 प्रतिशत खर्च वाले विधायकों में राजेश शुक्ला, हरीश सिंह धामी, हरभजन सिंह चीमा, हरक सिंह, उमेश शर्मा, दीवान सिंह बिष्ट, पूरन सिंह फत्र्याल, भारत सिंह चैैधरी, इन्द्रा ह्रदयेश, अरविन्द पाण्डे, आदेश सिंह चैैहान (जसपुर), रेखा आर्य, देशराज कर्णवाल, बलवन्त सिंह, रितु खण्डूरी, सुरेश राठौैर, चन्द्र पंत, ममता राकेश, शक्तिलाल शाह, रघुराम चैैहान, कैलाश गहतोड़ी, चन्दन राम दास शामिल है।

81 से 85 प्रतिशत खर्च वाले विधायकों मेें दिलीप सिंह रावत, गणेेश जोशी, यतीश्वरानन्द, बिशन सिंह चुफाल, प्रेम सिंह राणा, मुकेश कोली, जीआईजी मैनन, मीना गंगोला, काजी निजामुद्दीन, प्रीतम सिंह पंवार, संजय गुप्ता, विनोद भण्डारी, सौैरभ बहुगुणा, प्रदीप बत्रा शामिल हैै। 86 से 90 प्रतिशत खर्च वाले विधायकों में कुँवर सिंह चैम्पियन, राम सिंह केड़ा, फुरकान अहमद, आदेश चैैहान (रानीपुर), बंशीधर भगत, धन सिंह नेेगी, नवीन चन्द्र दुम्का, गोपाल सिंह रावत, तथा संजीव आर्य शाामिल हैै।

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