नाग पंचमी में इस बार दो संयोग खास, शुभ मुहूर्त में पूजा करने से कालसर्प दोष से होंगे मुक्त….

देहरादून : इस बार दो संयोग खास, शुभ मुहूर्त में पूजा करने से कालसर्प दोष से होंगे मुक्त। नाग पंचमी 2022 नाग पंचमी के दिन नागों की पूजा करने एवं उनको दूध धान का लावा और चने अर्पण करने से नाग देवता प्रसन्न होते हैं। मंगलवार का दिन भगवान शिव को अधिक प्रिय है और इसमें शिव योग का पड़ना दुर्लभ संयोग हैइस वर्ष नाग पंचमी बेहद शुभ संयोग में पड़ रही है। मंगलवार का दिन, उत्तरा फाल्गुनी नक्षत्र तथा शिव योग इसे खास बना रहा है।

मंगलवार का दिन भगवान शिव को अधिक प्रिय है और इसमें शिव योग का पड़ना दुर्लभ संयोग हैशिव योग में पूजा करने से भगवान शिव की अधिक कृपा प्राप्त होती है। नाग पंचमी  पर प्रातःकाल पूजा का समय लगभग पांच बजकर 40 मिनट से लेकर आठ बजकर 20 मिनट तक शुभ रहेगा।नाग पंचमी दो अगस्त को मनाई जाएगी। श्रावण शुक्ल पंचमी को नाग पंचमी का पर्व मनाया जाता है। वैसे तो प्रत्येक पंचमी तिथि नागों की होती है।

लेकिन, श्रावण शुक्ल पंचमी नागों के लिए बहुत खास होती है। भारतीय प्रौद्योगिकी संस्थान रुड़की परिसर स्थित श्री सरस्वती मंदिर के आचार्य राकेश कुमार शुक्ल ने बताया कि नाग पंचमी के पीछे कई पौराणिक मान्यताएं हैंश्रावण शुक्ल की पंचमी तिथि को ही ब्रह्मा ने नागों को अभय वरदान दिया था। इसलिए यह तिथि नागों को विशेष प्रिय होती है। ब्रह्मा ने वरदान दिया कि इस दिन जो कोई भी नागों की पूजा करेगा, उसे कभी भी सर्प का भय नहीं रहेगा।

कालसर्प दोष से मिलती है मुक्तिनाग पंचमी के दिन नागों की पूजा करने एवं उनको दूध, धान का लावा और चने अर्पण करने से नाग देवता प्रसन्न होते हैं।

पंडित राकेश कुमार शुक्ल ने बताया कि इस दिन भगवान शिव की पूजा जैसे-रुद्राभिषेक, महामृत्युंजय मंत्र का जाप, ओम नमः शिवाय का जाप, नाग गायत्री मंत्र का जाप आदि करने से भगवान शंकर और नाग देवता दोनों प्रसन्न होते हैं।ऐसा करने से जन्म कुंडली में कालसर्प दोष  समाप्त होता है। इस दिन चांदी, तांबा, पीतल अथवा सोने का नाग बनवा कर उसकी पूजा करके ब्राह्मण को दान देने से अक्षय पुण्य की प्राप्ति होती है। मां मनसा की पूजा से भी नाग देवता प्रसन्न होते हैं।

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