उत्तराखंड में विधानसभा भर्ती पर अपनों पर ही सवाल खडे कर दिए इन दोनों नेताओं ने, कहा जनता में है इस मामले में बड़ा गुस्सा देखे क्या बोले करन और त्रिवेंद्र…..

देहरादून: विधानसभा में अपने करीबियों को भर्ती करवाकर कांग्रेस और बीजेपी सरकार के पूर्व विधानसभा अध्यक्ष बार बार नियम से भर्ती करने की बात कह रहें है लेकिन नियम यें नहीं कहता की मंत्री, विधायक और खुद अपने रिश्तेदारों क़ो नौकरी दिला दी जाए भले ही नौकरी तदर्थ कही जा रही हो लेकिन इन्हें पक्का करने का अधिकार भी विधानसभा क़ो ही मिला हुआ है।

इसलिए कभी भी पक्की सरकारी नौकरी मिल जाए तो नेता हो या उनके रिश्तेदार कोई मना करेगा क्या वही दोनों पूर्व अध्यक्ष बार बार कह रहें हैँ कि उन्होंने नेताओं के लोगो कि नौकरी लगाई लेकिन बड़ा सवाल यें हैँ कि क्या यें राज्य इन नेताओं और इनके रिश्तेदारों के लिए बना हुआ है क्या इनको नौकरी दिलाने के लिए ही शहीदों ने राज्य बनाने के लिए अपनी शहादत दी।

वही अध्यक्ष करन माहरा ने आज विधानसभा भर्ती मामले में बड़ा बयान देते हुए साफ कह दिया की कांग्रेस ऐसे किसी के साथ नहीं खड़ी हैं जिसने युवाओं का हक मारकर अपने लोगो को देने का काम किया हो उनके अनुसार ये राज्य इसलिए नहीं बनाया गया हैं शहीदों ने इसलिए शहादत नहीं दी हैं की मंत्रियो के PRO, osd नौकरी लगाए जाए और ना ही एक दल विशेष के लोग चाहे बीजेपी हो या कांग्रेस के लोग उनके अनुसार हम गलत के साथ बिलकुल नहीं खडे हैं।

विधानसभा के पूर्व विधानसभा अध्यक्ष प्रेम अग्रवाल ने विधानसभा में भर्ती को लेकर कहा था सब मानको से किया गया हैं ऐसे में पूर्व विधानसभा अध्यक्ष के बयान पर बीजेपी के पूर्व सीएम त्रिवेंद्र सिंह रावत ने ही सवाल खडे कर दिए हैं उनके अनुसार मान लिया नियुक्तियां मानको पर हैं लेकिन जनता का परसेंप्शन इसको लेकर क्या हैं ये ये मायने रखता हैं उनके अनुसार जनता का इन भर्तियों को लेकर जो उबाल आया हुआ हैं वो बताने को काफ़ी हैं वही उन्होंने माना इन भर्तियों को लेकर जनता में बड़ा गुस्सा हैं हमें उसे ठीक करने की जरूरत हैं।

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