उत्तराखंड में आंगनबाड़ी कार्यकत्रियों की बनी सीएम से बात, अब सरकार देने जा रही ये बड़ी राहत…..

देहरादून : आंगनबाड़ी कार्यकर्ताओं ने मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी से मिलकर मानदेय बढ़ाए जाने एवं आंदोलन के दौरान के काटे गए मानदेय को दिए जाने की मांग की। कार्यकर्ताओं ने कहा कि मुख्यमंत्री ने आश्वासन दिया है कि जल्द उनका मानदेय बढ़ेगा। आगामी कैबिनेट की बैठक में इस प्रस्ताव को लाया जाएगा।

वहीं कार्यकर्ताओं को काटे गए मानदेय को भी दिया जाएगा। कार्यकर्ताओं का कहना है कि विभाग की ओर से उनके काटे गए मानदेय को दिए जाने का कई बार आश्वासन दिया जा चुका है, इसके बाद भी स्थिति जस की तस बनी है। आंगनबाड़ी कार्यकर्ता संगठन की प्रदेश अध्यक्ष रेखा नेगी के मुताबिक शुक्रवार को कार्यकर्ताओं ने मुख्यमंत्री से मिलकर मानदेय बढ़ाए जाने की मांग की। कार्यकर्ताओं ने कहा कि उनका मानदेय कम से कम 18 हजार रुपये किया जाए।

जबकि सात दिसंबर 2019 से चार फरवरी 2020 तक आंदोलन के दौरान के काटे गए मानदेय को भी दिया जाए। मुख्यमंत्री से मिलने वालों में संगठन की प्रदेश संगठन मंत्री मीनाक्षी रावत, प्रदेश महामंत्री सुमति थपलियाल शामिल रही। 18 और 19 अक्तूबर को सीएम आवास कूच कार्यक्रम स्थगित

मानदेय बढ़ाए जाने की मांग के लेकर आंदोलनरत आंगनबाड़ी कार्यकर्ताओं ने मुख्यमंत्री के आश्वासन के बाद 18 और 19 अक्तूबर को प्रस्तावित सीएम आवास कूच कार्यक्रम को स्थगित कर दिया।

आंगनबाड़ी कार्यकर्ता संगठन की प्रदेश अध्यक्ष रेखा नेगी के मुताबिक मुख्यमंत्री के आश्वासन के बाद कार्यकर्ताओं ने 18 और 19 अक्तूबर तक सीएम आवास कूच आंदोलन को स्थगित कर दिया, लेकिन मानदेय बढ़ने का लिखित आश्वासन न मिलने तक कार्य बहिष्कार जारी रहेगा।

मानदेय बढ़ोत्तरी पर बनी सैद्धांतिक सहमति
महिला सशक्तीकरण एवं बाल विकास मंत्री रेखा आर्य के मुताबिक महिला होने के नाते वे आंगनबाड़ी कार्यकर्ताओं का पूरा सम्मान करती हैं। उन्होंने आंगनबाड़ी कार्यकर्ताओं के साथ बैठक कर उनकी समस्याओं को सुना। कैबिनेट में भी उनकी मानदेय बढ़ोत्तरी की सैद्धांतिक सहमति बन चुुकी है। जल्द ही इसकी घोषणा हो सकती है।

मानदेय में 500 रुपये की बढ़ोत्तरी का है प्रस्ताव
प्रदेश में आंगनबाड़ी कार्यकर्ताओं का 500 रुपये मानदेय बढ़ सकता है। शासन की ओर से इसका प्रस्ताव तैयार किया गया है। प्रस्ताव में कहा गया है कि महिला सशक्तीकरण एवं बाल विकास विभाग के तहत आंगनबाड़ी केंद्रों पर गरीबी रेखा से नीचे जीवन यापन करने वाली, विधवा, तलाकशुदा महिलाओं के रोजगार व जीवन निर्वाह को देखते हुए आंगनबाड़ी कार्यकर्ता, सहायिका और मिनी कार्यकर्ताओं के पदों पर चयनित किया जाता है। चयनित महिलाओं को मानदेय के अलावा उनके सामने अन्य किसी तरह का रोजगार का स्रोत नहीं है। जिनके मानदेय में वृद्धि किया जाना प्रस्तावित है। इससे सरकार पर हर साल 2100 लाख से अधिक का व्ययभार आएगा।

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