उत्तराखंड में विधानसभा के निलंबित सचिव सिंघल को कारण बताओ नोटिस, जानिये कारण….

देहरादून: विधानसभा के निलंबित सचिव सिंघल को कारण बताओ नोटिस, 32 पदों पर भर्ती में अनियमितता का मामलाविधानसभा के निलंबित सचिव मुकेश सिंघल को अब कारण बताओ नोटिस जारी किया गया है। विधानसभा सचिवालय में पिछले वर्ष 32 पदों पर सीधी भर्ती कराने के लिए विवादित एजेंसी का चयन और उसे दो दिन में 59 लाख रुपये का भुगतान के मामले की जांच में सिंघल की भूमिका संदेहास्पद पाई गई थी।

विधानसभा अध्यक्ष ऋतु खंडूड़ी भूषण ने सिंघल को नोटिस भेजे जाने की पुष्टि करते हुए बताया कि उन्हें जवाब देने के लिए दो सप्ताह का समय दिया गया है।2016 से 2ong>उत्तराखंड में विधानसभा के निलंबित सचिव सिंघल को कारण बताओ नोटिस, इस मामले में मिला नोटिस021 तक की 228 तदर्थ नियुक्तियां रद
विधानसभा में पिछले वर्ष हुई 72 तदर्थ नियुक्तियों का मामला तूल पकडऩे पर वर्तमान विधानसभा अध्यक्ष खंडूड़ी ने विधानसभा सचिवालय में हुई सभी भर्तियों की जांच कराई।

जांच रिपोर्ट मिलने के बाद 23 सितंबर को वर्ष 2016 से 2021 तक की 228 तदर्थ नियुक्तियां रद कर दी गई थीं। जांच में बात सामने आई थी कि इन नियुक्तियों में नियम-कानूनों का पालन नहीं किया गया। यद्यपि, अब हटाए गए कर्मियों को न्यायालय से राहत मिलने पर दोबारा ज्वाइनिंग दे दी गई है।गत वर्ष 32 पदों पर सीधी भर्ती के लिए आवेदन मांगे गए।

इसके अलावा विधानसभा में गत वर्ष 32 पदों पर सीधी भर्ती के लिए आवेदन मांगे गए। 20 मार्च को लिखित परीक्षा हुई, लेकिन परिणाम घोषित नहीं किए गए। जांच में बात सामने आई कि इस परीक्षा के लिए लखनऊ की विवादित एजेंसी आरएमएस टेक्नोसाल्यूशंस का चयन किया गया।

एजेंसी के चयन में नियमों व प्रविधानों का उल्लंघन किया गया
जांच रिपोर्ट के अनुसार एजेंसी के चयन में नियमों व प्रविधानों का उल्लंघन किया गया। यही नहीं, एजेंसी को बिल प्राप्त होने के दो दिन के भीतर 59 लाख रुपये का भुगतान कर दिया गया। जांच में इस मामले में सचिव की भूमिका संदेहास्पद पाई गई थी।सचिव विधानसभा मुकेश सिंघल को निलंबित कर दिया था।

विधानसभा अध्यक्ष ने यह परीक्षा रद कर दी थी। साथ ही इस मामले में सचिव विधानसभा मुकेश सिंघल को निलंबित कर दिया था। बाद में सिंघल को गैरसैंण से संबद्ध किया गया। अब उन्हें कारण बताओ नोटिस जारी किया गया है।

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