उत्तराखंड के हरिद्वार में प्रधान तो कई बने, लेकिन बबली की प्रधानी पर जीत की क्यों हो रही इतनी चर्चा जानिए…..
हरिद्वार: जिले में त्रिस्तरीय पंचायत चुनाव की मतगणना चल रही है। इस बीच कुछ चुनाव परिणाम भी आ गए है। जोकि अप्रत्यासित है। जी हाँ, आपको अचम्भा होगा, जिस शिवगढ़ ग्राम पंचायत में जहरीली शराब के कारण 12 लोगो की मौत हो गई थी, उसी ग्राम पंचायत के लोगो ने जहरीली शराब कांड की सह – आरोपी बबली देवी को ग्राम प्रधान की बागडोर सौंप दी है। प्रतिद्वंद्वी स्वाति की ओर से री काउंटिंग करवाई गई लेकिन फिर भी बबली देवी एक वोट से जीत गई।
आपको बता दे कि 10 सितंबर को शिवनगर ग्राम पंचायत में जहरीली शराब पीने से ग्रामीणों की मौत का सिलसिला शुरू हुआ। 12 लोगों की शराब पीने से मौत हुई। पुलिस ने छानबीन में ग्राम प्रधान की प्रत्याशी बबली के पति डॉ. बिजेंद्र चौहान को गिरफ्तार कट लिया। बिजेंद्र चौहान की निशानदेही से कच्ची शराब भी बरामद हुई। बबली और उसके जेठ नरेश चौहान को सह आरोपी बनाया गया। बबली और नरेश की अभी तक गिरफ्तारी नहीं हो सके है।
डॉ. बिजेंद्र के जेल जाने और बबली व नरेश की फाटी होने से बबली के ससुर सूरज भान चौहान ने गांव में बबली के लिए वोट मांगे।शराबकांड के बाद चौहान बिरादरी बबली के समर्थन खड़ी हो गई। इतना ही नहीं चौहान बिरादरी ने आरोप लगाया था कि शराब हर प्रत्याशी ने बांटी लेकिन कार्रवाई सिर्फ बबली और उसके परिवार पर हुई।
शराब कांड से गांव में मृतक परिवारों में आक्रोश भले ही रहा, लेकिन ग्रामीणों ने बबली के समर्थन में वोट कर उसे शिवनगर ग्राम पंचायत की प्रधानी की बागडोर सौंप दी है।शिवनगर ग्राम पंचायत से 10 प्रत्याशी चुनाव मैदान में थे। 26 सितंबर को हुए मतदान में 3370 वोट पड़े थे। बुधवार को मतगणना में 142 वोट निरस्त हो गए। 2737 वैध वोट में बबली देवी को 859 वोट पड़े हैं, जबकि सबसे कम नौ वोट रेनू को मिले हैं।