उत्तराखंड में हाई कोर्ट ने लगाई इस विभाग के फैसले पर रोक, इन कर्मचारियों क़ो राहत……

नैनीताल: 4 अगस्त 2023 को नैनीताल हाईकोर्ट के माननीय बेंच द्वारा, महिला सशक्तिकरण एवं बाल विकास विभाग के संविदा कर्मियों को, अविवेकपूर्ण और असवेदनशील तरीके से 29 नवंबर 2022 के मनमाने आदेश के तहत, एक झटके मे हटाकर उनकी रोजी रोटी छीन लेने के कृत्य को उलटते हुये सरकार एवं विभाग पर तल्ख टिप्पणियाँ की गयी।

कोर्ट ने सरकारी वकील के इस तर्क को कि संविदाकर्मियों के कोई कानूनी अधिकार नहीं है को खारिज करते हुये यह कहा कि इस याचिका मे जीतने भी संविदाकर्मी द्वारा याचिका की गयी है वह सभी केन्द्रीय सरकार की मिशन शक्ति योजना के तहत के तहत कार्यरत है, ना कि राज्य सरकार के 27 अप्रैल 2018 के आदेश के तहत, इन सभी संविदाकर्मियों कि सेवा से संबन्धित नियम एवं शर्ते मिशन शक्ति स्कीम के तहत आएगी, न कि राज्य सरकार के किसी आदेश के तहत।

कोर्ट ने उक्त निर्णय के दौरान अपने विचार व्यक्त करते हुये मिशन शक्ति योजना के तहत वर्षों से विभाग मे कार्यरत संविदाकर्मियों कि रोजी रोटी को एक छटके मे छीनकर आउटसोर्स ऐजेंसी के अन्तर्गत लाने के कृत्य को अनुचित, एक कल्याणकारी राज्य के लिए अतिनिंदनीय बताया, साथ मे यह भी कहा कि इस तरह के मनमाने कृत्य कि उम्मीद किसी भी जिम्मेदार सरकार से नहीं कि जा सकती। कोर्ट के द्वारा सभी संविदाकर्मियों कि सेवाओं को बहाल करते हुये उनको हटाने के आदेश जो कि 29 नवम्बर 2022 को हुआ था, पर रोक लगा दी गयी है।

जहां पिछले 8 माह से सभी संविदाकर्मी अपने लिए हर दरवाजे पर न्याय कि गुहार कर चुके थे अंत मे उन्हे न्याय न्यायालय के माध्यम से ही प्राप्त हुआ, आज इस आदेश के आ जाने पर सभी कर्मचारियों के चेहरे खुशी से खिल उठे है।

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