उत्तराखंड में सरकारी और पार्टी के कार्यक्रमो में नही दिख रहे विधायक जी , तो होने लगी तरह तरह से की बाते…..

 

चंपावत : आगामी चुनाव को देखते हुए हर छोटी से छोटी बात के कई मायने निकाले जाते हैं। ऐसे में उत्तराखंड राज्य स्थापना दिवस के कार्यक्रम में चंपावत विधायक की गैरमौजूदगी सियासत के जानकारों को हैरान कर रही है। यह हैरानी तब और बढ़ जाती है जब पार्टी और सरकार के महत्वपूर्ण कार्यक्रम से क्षेत्रीय विधायक की गैरमौजूदगी लगातार दूसरी बार हो।

मंगलवार को चंपावत के गोरलचौड़ मैदान में प्रदेश के कैबिनेट और जिले के प्रभारी मंत्री अरविंद पांडेय की मौजूदगी में उत्तराखंड राज्य के निर्माण का रंगारंग जश्र मनाया गया। सरकार की उपलब्धियों का खूब बखान भी हुआ लेकिन ऐसे एतिहासिक मौके पर हुए इस कार्यक्रम में विधायक कैलाश गहतोड़ी की अनुपस्थिति ने सबका ध्यान बरबस अपनी ओर खींचा।

गौर करने वाली बात इसलिए थी क्योंकि जिस जगह कार्यक्रम हो रहा था, उसी क्षेत्र का विधायक कार्यक्रम से नदारद थे। दूसरी विधानसभा सीट लोहाघाट के विधायक पूरन सिंह फर्त्याल कार्यक्रम में मौजूद रहे।चंपावत के विधायक कैलाश गहतोड़ी पांच दिन में दूसरी बार चंपावत में हुए पार्टी और सरकार के महत्वपूर्ण कार्यक्रम से नदारद थे। राज्य स्थापना दिवस के कार्यक्रम से पहले पांच नवंबर को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के केदारनाथ कार्यक्रम के लाइव टेलीकास्ट में भी वे चंपावत में मौजूद नहीं थे। भाजपा जिलाध्यक्ष, संगठन के वरिष्ठ नेताओं के अलावा प्रशासनिक अमले की मौजूदगी में राज्य स्थापना दिवस पर चार घंटे तक यह भव्य कार्यक्रम हुआ। इस कार्यक्रम में उनकी अनुपस्थिति से कई कयास लगाए जाने लगे हैं।

कुछ लोग इसे पार्टी में खींचतान से लेकर 2022 के विधानसभा चुनावों के संकेत के रूप में भी देख रहे हैं।
2017 के चुनाव में विधायक कैलाश गहतोड़ी ने शानदार प्रदर्शन करते हुए 17 हजार से अधिक वोटों से जीत हासिल कर कांग्रेस से सीट छीनी थी। इसके बाद चंपावत, टनकपुर और बनबसा नगर निकाय चुनाव में भाजपा के तीनों प्रत्याशियों की हार हुई लेकिन सबसे बड़ा झटका चंपावत ब्लॉक प्रमुख चुनाव में 2019 में पार्टी प्रत्याशी की हार से लगा।

By admin

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *