उत्तराखंड में यहां बिजली कनेक्शन के नाम पर फर्जी इस्टीमेट बना कर उपभोक्ताओं को लाखों का चूना…….

देहरादून: बिजली कनेक्शन देने के नाम पर ऊर्जा निगम के इंजीनियर फर्जी इस्टीमेट बना कर उपभोक्ताओं को लाखों का चूना लगा रहे हैं। विद्युत उपभोक्ता शिकायत निवारण मंच ने देहरादून विकासनगर डिवीजन का लाखों का गोलमाल पकड़ा है। उपभोक्ता से 4.95 लाख रुपये जमा कराए गए, जबकि मौके पर काम एक लाख का भी नहीं कराया गया।

विकासनगर राजोवाली होरावाला में हिमानी बिष्ट ने बागवानी मिशन के तहत मशरूम उत्पादन को 15 किलोवाट के बिजली कनेक्शन को आवेदन किया। यूपीसीएल ने 400 मीटर दूरी दिखा कर 12 बिजली के पोल और एक ट्रांसफार्मर का इस्टीमेट तैयार किया। 4.96 लाख रुपये जमा कराए गए। बाद में मौके पर सिर्फ छह पोल लगाए गए।

25 किलोवाट तक के बिजली कनेक्शन में निजी ट्रांसफार्मर की कोई जरूरत न होने के बावजूद डेढ़ लाख रुपये ट्रांसफार्मर के जमा कराए गए। ट्रांसफार्मर भी निजी संपत्ति पर लगाने की बजाय सार्वजनिक स्थल पर लगा कर उससे दूसरे लोगों को भी कनेक्शन दिए गए।

उपभोक्ता ने इसकी शिकायत सीजीआरएफ में की। फोरम की टीम ने मौके पर जाकर जांच की, तो 12 की बजाय सिर्फ छह पोल ही पाए गए। लाइन से दूरी भी 400 मीटर की बजाय सिर्फ 176.5 मीटर पाई गई। फोरम ने तत्काल मौके पर हुए काम के हिसाब से इस्टीमेट बनाने, ट्रांसफार्मर के पैसे वापस करने के निर्देश दिए। उपभोक्ता को पैसा भी ब्याज समेत लौटाने के निर्देश दिए।

पहले भी उपभोक्ताओं को लगाया गया चूना यूपीसीएल लगातार उपभोक्ताओं को नुकसान पहुंचा रहा है। पहले भी सीजीआरएफ इस तरह की खामी पकड़ चुका है। 2020 में यूपीसीएल देहरादून दक्षिण डिवीजन में शिमला बाईपास में गलत इस्टीमेट बना कर लाखों का नुकसान पहुंचाया गया। फोरम के दखल के बाद पैसे लौटाने पड़े। 2018 में देहरादून ग्रामीण डिवीजन के तहत बालावाला क्षेत्र में भी मंच ने गड़बड़ी पकड़ उपभोक्ता को राहत पहुंचाई।

एमएल प्रसाद, निदेशक यूपीसीएल
इस मामले को गंभीरता से लिया जा रहा है। जिन इंजीनियरों के स्तर से भी गड़बड़ी की गई है, उनके खिलाफ चार्जशीट जारी की जाएगी। भविष्य में इस तरह की गड़बड़ी को किसी भी सूरत में स्वीकार नहीं किया जाएगा। बेहद सख्त कार्रवाई सुनिश्चित की जाएगी।

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