उत्तराखंड में बड़ी खुशखबरी अब घर बैठे कमाए एक लाख रूपये महीना, पढ़ें क्या हैं पूरी जानकारी….
देहरादून: अब आप घर बैठे सौर ऊर्जा परियोजना से एक लाख रुपये तक हर महीने कमा सकेंगे। सरकार ने मुख्यमंत्री सौर स्वरोजगार योजना के नियमों में बड़ा बदलाव करते हुए संशोधित अधिसूचना जारी कर दी है। इसके तहत सौर ऊर्जा प्रोजेक्ट पर सरकार 15 दिन के भीतर फैसला ले लेगी।
इस योजना के तहत पहले 25 किलोवाट तक के प्रोजेक्ट लगा सकते थे, जिसकी सीमा बढ़ाकर 200 किलोवाट कर दी गई है। एमएसएमई योजना के तहत इसमें 30 प्रतिशत सब्सिडी मिलेगी। उद्योग विभाग के माध्यम से जिला सहकारी बैंकों से लोन मिलेगा।
– इस योजना के तहत 20, 25, 50, 100, 200 किलोवाट के सोलर प्लांट लगा सकेंगे।
– लाभार्थी को एमएसएमई पॉलिसी के तहत सभी लाभ दिए जाएंगे।
– पात्र व्यक्ति अपनी निजी भूमि या लीज पर जमीन लेकर सोलर प्लांट लगा सकेंगे।
– योजना के तहत इनवेस्ट उत्तराखंड पोर्टल पर सिंगल विंडो के माध्यम से आवेदन किए जाएंगे।
– योजना का क्रियान्वयन उरेडा करेगा। यूपीसीएल, उद्योग और सहकारी बैंक सहयोगी संस्था के तौर पर काम करेंगे।
प्रोजेक्ट लगाने के लिए यह पात्रता जरूरी
इस योजना के तहत केवल राज्य के स्थायी निवासी ही आवेदन कर सकते हैं। उनकी आयु 18 साल से अधिक होनी चाहिए। शैक्षिक योग्यता की बाध्यता नहीं है। एक परिवार से एक ही आवेदक को एक सोलर प्लांट आवंटित किया जा सकेगा। इसके लिए आवेदक को शपथ पत्र भी देना होगा।
योजना के तहत 50 किलोवाट के सोलर प्लांट के लिए 750-1000 वर्ग मीटर, 100 किलोवाट के लिए 1500-2000, 200 किलोवाट के लिए 3000-4000 वर्गमीटर जमीन जरूरी होगी। योजना पर 50 हजार प्रति किलोवाट का खर्च अनुमानित होगा। 50 किलावोट से 76000 यूनिट, 100 किलोवाट से 152000 और 200 किलोवाट से 304000 यूनिट बिजली सालाना पैदा होगी। योजना के तहत यूपीसीएल 25 साल के लिए बिजली खरीदेगा, जो भी बिजली यूपीसीएल के पास आएगी, उसका पैसा सीधे लाभार्थी के खाते में जाएगा।
योजना के तहत सहकारी बैंकों से आठ प्रतिशत ब्याज दर पर 15 साल की अवधि तक का लोन मिलेगा। योजना के तहत जमीन की सेल डीड, लीज डीड और लैंड यूज पर स्टांप ड्यूटी में छूट रहेगी।
आवेदन करने के बाद इसकी जांच पड़ताल कर उरेडा सात दिन के भीतर यूपीसीएल को भेजेगा। इस पर 15 दिन के भीतर यूपीसीएल प्राथमिक जांच करने के बाद वापस टेक्निकल फिजिबिलिटी रिपोर्ट (टीएफआर) उरेडा को भेजेगा। अगर यह सही होगा तो कमेटी की ओर से लेटर ऑफ एलोटमेंट (एलओए) 15 दिन के भीतर जारी करना होगा। इसके बाद यूपीसीएल और आवेदक के बीच 10 दिन के भीतर पावर परचेज एग्रीमेंट (पीपीए) होगा।
इसके 10 दिन के भीतर पीपीए की कॉपी के साथ आवेदक को जिला उद्योग केंद्र में आवेदन करना होगा। 15 दिन के भीतर उद्योग विभाग को एमएसएमई सब्सिडी और लोन के लिए प्रक्रिया करानी होगी। लोन के आवेदन के लिए 10 दिन के भीतर जिला कॉपरेटिव बैंक को पास करना होगा। एलओए के 12 माह के भीतर सोलर पावर प्लांट स्थापित होगा। इसके बाद दो माह के भीतर लोन पर सब्सिडी मिल जाएगी।
अगर आप 50 किलोवाट का प्रोजेक्ट लगाते हैं तो इस पर कुल खर्च 25 लाख का होगा। इससे सालाना 76 हजार यूनिट बिजली पैदा होगी। कुल 17 लाख 50 हजार रुपये का लोन मिलेगा। एमएसएमई योजना के तहत 7 लाख 50 हजार की सब्सिडी मिलेगी। बिजली वर्तमान 4.49 रुपये प्रति यूनिट की दर से बेचने पर सालाना 3 लाख 41 हजार 240 की कमाई होगी। सालाना 35 हजार का खर्च मेंटिनेंस का होगा। माहवार किश्त 9,557 रुपये और कमाई 15,963 रुपये होगी। लोन खत्म होने के बाद माहवार कमाई 25,520 रुपये हो जाएगी। यह होगा आवेदन शुल्क : 50/100 किलोवाट के लिए 2000 और 200 किलोवाट के लिए 5000 रुपये।