उत्तराखंड में धामी कैबिनेट की महत्वपूर्ण बैठक कल, बजट, आबकारी समेत इन मुद्दों पर चर्चा…..

देहरादून: मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी की अध्यक्षता में प्रदेश मंत्रिमडंल की बैठक कल 14 फरवरी को होगी। बैठक में बजट सत्र का स्थान व तारीख भी तय हो सकती है। इसके अलावा विभिन्न विभागों से संबंधित प्रस्तावों पर भी मुहर लग सकती है।

अभी तक प्रदेश सरकार की आगामी वित्तीय वर्ष में लागू होने वाली आबकारी नीति को भी कैबिनेट की मंजूरी नहीं मिली है। इसलिए बैठक में आबकारी नीति के प्रस्ताव पर चर्चा होने की संभावना है। बैठक में शिक्षा, स्वास्थ्य परिवहन, कृषि, पर्यटन एवं शहरी विकास से संबंधित प्रस्तावों पर भी चर्चा होगी।

14 फरवरी को होगी प्रदेश मंत्रिमंडल की बैठक, बजट सत्र की तारीख और स्थान किया जाएगा तयउत्तराखंड प्रदेश मंत्रिमंडल की बैठक 14 फरवरी को होगी। इसी दौरान बजट सत्र पर भी निर्णय लिया जाएगा।

प्रदेश मंत्रिमंडल की बैठक 14 फरवरी को होगी, जिसमें बजट सत्र पर होगा निर्णय होगा। बजट सत्र की तारीख व स्थान तय किया जा सकता है। वहीं दूसरी तरफ नेता प्रतिपक्ष यशपाल आर्य ने कहा, बजट सत्र ग्रीष्मकालीन राजधानी गैरसैंण में हो या देहरादून में, यह प्रदेश सरकार को तय करना है।

अभी तक बजट सत्र आहूत करने के बारे में विपक्ष के साथ प्रदेश सरकार ने कोई चर्चा नहीं की है। रविवार को प्रदेश कांग्रेस मुख्यालय में बातचीत में नेता प्रतिपक्ष यशपाल आर्य ने कहा, इसी माह के अंत तक बजट सत्र कराने की चर्चा चल रही है, लेकिन अभी तक सरकार ने बजट सत्र की तिथि तय नहीं की है। बजट सत्र के लिए समय कम है।

विपक्ष के साथ कोई बातचीत नहीं की
कहा, बजट सत्र कहां कराया जाए, यह सरकार को तय करना है। लेकिन, बर्फबारी व बारिश को देखते हुए सत्ता और विपक्ष के विधायकों ने भी दून में ही सत्र आहूत करने की इच्छा जताई है, लेकिन अभी तक इस विषय पर सरकार ने विपक्ष के साथ कोई बातचीत नहीं की है। कहा, बजट सत्र के लिए विधायकों को अपने प्रश्न भेजने के लिए पर्याप्त समय मिलना चाहिए, जिससे पक्ष-विपक्ष के विधायक सदन में अपने क्षेत्र के मुद्दों को उठा सके।कहा, इसके लिए सत्र की अवधि बढ़ाई जानी चाहिए। दो-तीन दिन सत्र बुलाकर बजट पास कराना सरकार का मकसद नहीं होना चाहिए। आर्य ने कहा, कार्यमंत्रणा समिति से उनके साथ पार्टी के विधायक प्रीतम सिंह ने इस्तीफा दिया है। आगामी सत्र में कार्यमंत्रणा की बैठक में शामिल नहीं होंगे। सरकार कार्य संचालन नियमावली को ताक पर रखकर संख्या बल पर सदन को चलाना चाहती है।

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