उत्तराखंड में चुनावो से पहले धामी सरकार इस महत्वपूर्ण मुद्दे पर ले सकती है बड़ा फैसला….
देहरादून : चुनाव आचार संहिता लागू होने से ठीक पहले भू-कानून को लेकर सरकार फैसला ले सकती है। भू-कानून के परीक्षण व अध्ययन को गठित उच्च स्तरीय समिति को इस मामले में जिलाधिकारियों से मिलने वाली रिपोर्ट की प्रतीक्षा है। इसके बाद ही समिति अपनी रिपोर्ट को अंतिम रूप दे सकती है। अगले पखवाड़े के भीतर रिपोर्ट सरकार को सौंपी जा सकती है।प्रदेश में भू-कानून में संशोधन की मांग जोर पकड़ चुकी है।
इस कानून का विरोध कर रहे लोग हिमाचल की तर्ज पर भू-कानून बनाने की पैरवी कर रहे हैं। इस मामले में प्रदेश में राजनीति गर्म है। प्रमुख प्रतिपक्षी पार्टी कांग्रेस इस मुद्दे को लेकर मुखर है। पार्टी यह घोषणा कर चुकी है कि उसकी सरकार बनने पर यह कानून वापस लिया जाएगा। दरअसल पूर्व मुख्य सचिव सुभाष कुमार की अध्यक्षता में गठित समिति ने सभी जिलाधिकारियों से मौजूदा भू-कानून में दी गई रियायत के उपयोग के संबंध में रिपोर्ट तलब की है।
अभी तक जिलों से रिपोर्ट समिति को नहीं मिल पाई है।समिति को भू-कानून के संबंध में 190 सुझाव प्राप्त हुए हैं। इनमें अधिकतर सुझावों में हिमाचल प्रदेश की तर्ज पर भू-कानून बनाने पर जोर दिया गया है। राज्य में बाहरी व्यक्तियों को 12.5 एकड़ से ज्यादा भूमि खरीद की अनुमति देने पर भी आपत्ति की गई है।
समिति की पिछले दिनों हुई बैइक में इन सुझावों पर गौर किया जा चुका है।समिति को भू-कानून के संबंध में 190 सुझाव प्राप्त हुए हैं। इनमें अधिकतर सुझावों में हिमाचल प्रदेश की तर्ज पर भू-कानून बनाने पर जोर दिया गया है। राज्य में बाहरी व्यक्तियों को 12.5 एकड़ से ज्यादा भूमि खरीद की अनुमति देने पर भी आपत्ति की गई है। समिति की पिछले दिनों हुई बैइक में इन सुझावों पर गौर किया जा चुका है।समिति के अध्यक्ष सुभाष कुमार का कहना है कि समिति ने सभी जिलाधिकारियों से भू-कानून अधिनियम-2019 में किए गए संशोधनों को लेकर रिपोर्ट मांगी है।
इस रिपोर्ट से यह भी पता चलेगा कि मौजूदा भू-कानून का राज्य पर क्या असर पड़ा है। वर्तमान कानून में शिक्षा, चिकित्सा शिक्षा, उद्योग, पर्यटन व ऊर्जा समेत विभिन्न औद्योगिक व व्यवसायिक गतिविधियों के लिए भूमि खरीद में रियायत दी गई है। जिलाधिकारी अब तक मिली रियायत के हानि व लाभ के बारे में जानकारी देंगे। उन्होंने बताया कि समिति सभी पक्षों को समझने-बूझने के बाद ही रिपोर्ट तैयारी करेगी। हर पहलू का परीक्षण किया जा रहा है।