उत्तराखंड के कॉर्बेट पार्क का बिजरानी जोन आज से पर्यटकों के लिए खुल गया, बिजरानी जोन के साथ-साथ झिरना, ढेला में नाइट स्टे भी शुरू होगा….

रामपुर : कॉर्बेट पार्क का बिजरानी जोन शुक्रवार से पर्यटकों के लिए खुल जाएगा। बिजरानी जोन के साथ-साथ झिरना, ढेला में नाइट स्टे भी शुरू हो जाएगा। 15 नवंबर से ढिकाला जोन भी खुल जाएगा। ढिकाला घूमने के लिए बुकिंग 20 अक्तूबर से शुरू हो जाएगी।

कॉर्बेट टाइगर रिजर्व में नए पर्यटन सत्र की शुरुआत शुक्रवार से हो जाएगी। सुबह छह बजे सैलानियों की जिप्सियां बिजरानी जोन में जंगल सफारी के लिए जाएंगी। बिजरानी जोन खोलने से पहले कॉर्बेट प्रशासन की ओर से मार्गों की मरम्मत का कार्य पूर्ण कर लिया गया है। बिजरानी जोन में जंगल सफारी शुरू होने के साथ ही सैलानियों के लिए नाइट स्टे भी शुरू हो जाएगा।

बिजरानी रेंज के रेंजर बिंदर पाल ने बताया कि सुबह छह बजे बिजरानी जोन के आमडंडा गेट से सैलानियों की जिप्सियों को विधिवत रूप से प्रवेश दिया जाएगा। कॉर्बेट निदेशक राहुल ने बताया कि 20 अक्तूबर से ढिकाला जोन में रात्रि विश्राम और दिनी भ्रमण के लिए वेबसाइट खुलेगी। 15 नवंबर से ढिकाला जोन को खोल दिया जाएगा।

सैलानी यहां करेंगे रात्रि विश्राम
मलानी रेस्ट हाउस में चार, बिजरानी रेस्ट हाउस में 14 सैलानी और झिरना-ढेला रेस्ट हाउस में 4-4 सैलानियों के लिए रात्रि विश्राम की व्यवस्था की गई है। सभी रेस्ट हाउसों में रात्रि विश्राम के लिए सैलानियों की बुकिंग 31 अक्तूबर तक के लिए फुल हो चुकी है। अब 20 अक्तूबर के बाद सैलानियों के लिए अगले माह के लिए बुकिंग खुलेगी।टाइगर रिजर्व के अधिकारियों, कर्मचारियों के अवकाश पर रोक।

दीपावली के दौरान वन्यजीवों के शिकार की घटनाओं को देखते हुए टाइगर रिजर्व प्रशासन ने अधिकारियों, कर्मचारियों के अवकाश पर रोक लगा दी है। इसके अलावा टाइगर रिजर्व क्षेत्र के हिरण, कांकड़, सांभर, उल्लू आदि वन्यजीवों के शिकार करने वालों की निगरानी की आदेश दिया गया है।

टाइगर रिजर्व निदेशक डीके सिंह ने बताया कि दीपावली के दौरान शिकारी टाइगर रिजर्व में दाखिल होकर वन्यजीवों का शिकार न कर सकें इसके लिए सभी दस रेंजों में गश्त को तेज कर दिया गया है। वन क्षेत्राधिकारियों की अगुवाई में टीमें दिन-रात गश्त कर रही हैं। इतना ही नहीं शिकारी विभागीय टीमों को चकमा देकर न दाखिल होने पाएं, इसके लिए संवेदनशील इलाकों में शिकारियों की ड्रोन कैमरों से भी निगरानी की जा रही है।

उन शिकारियों पर भी पैनी नजर रखी जा रही है जो पूर्व में शिकार के मामले में जेल जा चुके हैं। साथ ही यदि किसी भी रेंज में शिकार की कोई बड़ी घटना होती है तो इसके लिए संबंधित वन क्षेत्राधिकारी जिम्मेदार होंगे। इसके अलावा टाइगर रिजर्व के आसपास के गांव के ग्रामीणों की भी मदद ली जा रही है।

उल्लू के शिकारियों पर पैनी नजर टाइगर रिजर्व देसक डीके सिंह ने बताया कि दीपावली के पर्व पर कुछ शिकारी उल्लुओं को पकड़ते हैं। इसका कारण अंधविश्वास है। ऐसे शिकारियों की भी निगरानी की जा रही है।

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