उत्तराखंड में समय से पहले पहुंचेगा मानसून! इस वजह से सामान्य से अधिक हो सकती है वर्षा; मौसम विभाग का अनुमान……

देहरादून: मौसम विभाग के राज्य निदेशक डॉ. विक्रम सिंह ने बताया कि अल नीनो के प्रभाव के चलते शीतकालीन बारिश पर बुरा असर पड़ा है और सामान्य से बहुत कम पानी बरस पाया। मगर इसकी भरपाई ला नीना से होने की पूरी संभावना है। ला नीना का प्रभाव अगस्त व सितंबर में नजर आएगा। इससे पहले जून व जुलाई का मानसून सामान्य रूप से बरसेगा।

इस बार समय से पहले मानसून पहुंचने के आसार अभी से नजर आने लगे हैं। ला नीना के चलते मानसून की बारिश सामान्य से अधिक होने की संभावना मौसम विभाग ने जताई है। जून में प्री मानसून शावर बरसने शुरू हो जाएंगे।

मौसम विभाग के राज्य निदेशक डॉ. विक्रम सिंह ने बताया कि अल नीनो के प्रभाव के चलते शीतकालीन बारिश पर बुरा असर पड़ा है और सामान्य से बहुत कम पानी बरस पाया। मगर इसकी भरपाई ला नीना से होने की पूरी संभावना है। ला नीना का प्रभाव अगस्त व सितंबर में नजर आएगा। इससे पहले जून व जुलाई का मानसून सामान्य रूप से बरसेगा।

इसके बाद ला नीना का असर शुरू होते ही बरसात तेज होने की संभावना है, जो मानसून की बारिश की मात्रा को सामान्य से अधिक पहुंचाएगी। अधिक बारिश कृषि के लिए के लिए फायदेमंद होगी, लेकिन पर्वतीय क्षेत्रों में भूस्खलन की संभावना रहेगी। जिस कारण सतर्क रहने की आवश्यकता है। प्रदेश में सामान्य से अधिक बारिश होने की 61 प्रतिशत संभावना है। फिलहाल ला नीना अपनी राह मे धीरे-धीरे आगे बढ़ रहा है।

आर्यभट्ट प्रेक्षण विज्ञान शोध संस्थान एरीज के वायुमंडलीय विज्ञानी दा नरेंद्र सिंह ने बताया कि ग्लोबल वार्मिंग ने पैर पसारने शुरू कर दिए हैं। अल नीनो का असर अभी थमा भी नहीं था कि ला नीना सक्रिय हो चला है।

वैश्विक ताप का जलवायु पर तेजी से असर दिखना शुरू हो गया है। जिसके चलते दुनिया के देशों में तूफानों की संख्या में बढ़ोतरी के पूरे आसार हैं। साथ ही शीतकाल में संभवतः पश्चिमी विक्षोभों की संख्या में इजाफा होगा और ठंड में बढ़ोतरी अधिक होगी।

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