उत्तराखंड में यहाँ ये रिश्ता…अज्ञात किशोर के उपचार के लिए डॉक्टर बने तीमारदार, दिल छू लेगी इस मोगली की कहानी…….
देहरादून: दून अस्पताल के डॉक्टरों के पास चोटिल हालत में मोगली पहुंचा। अस्पताल में भर्ती होने में भी कई घंटों की प्रक्रिया से गुजरने पड़ता है, लेकिन इस मासूम किशोर में न जाने ऐसा क्या था कि डॉक्टर खुद इसकी वीईपी खातिर में लग गए।
डॉक्टर और मरीज के बीच का रिश्ता को यदि समझना हो तो दून अस्पताल के बर्न वार्ड में भर्ती 15 वर्षीय अज्ञात किशोर मोगली को देख लीजिए। 20 दिन पूर्व इस किशोर को कोरोनेशन अस्पताल से लेकर इमरजेंसी में लाकर छोड़ दिया गया। हाथ-पैरों में गंभीर जख्म होने की वजह से डॉक्टरों ने दून अस्पताल के बर्न वार्ड में उसको भर्ती कर उपचार शुरू कर दिया।
डॉक्टर-मरीज के इस रिश्ते ने आज दोस्ती का रूप ले लिया। डॉक्टर मोगली का वीआईपी मरीज की तरह ख्याल रख रहे हैं। डॉक्टरों की इस सेवा का नतीजा यह है कि आज यह किशोर 80 प्रतिशत स्वस्थ हो चुका है।
दरअसल, 27 सितंबर को दून अस्पताल की इमरजेंसी में कोरोनेशन से एक एंबुलेंस पहुंची थी, इसमें वहां से इस किशोर को गंभीर हालत से रेफर किया गया था। एंबुलेंस का स्टाफ इसे छोड़कर चला गया था। इसके साथ न कोई तीमारदार था और न इस किशोर का नाम-पता किसी को पता था।
इसके बाद डॉक्टरों ने इसके उपचार की जिम्मेदारी ली। बर्न वार्ड में इसे भेजा गया, गंभीर हालत के चलते उसे वहां भर्ती कर लिया गया। प्लास्टिक सर्जन डॉ. शिवम डांग की टीम ने इसका उपचार किया। इसके साथ तीमारदार नहीं थे तो पूरी टीम इसके लिए तीमारदार बन गई।
किशोर को नहलाने, उसके कपड़े बदलने, शौच कराने सहित सारे काम बर्न वार्ड की टीम ने खुशी-खुशी किए। किशोर का नाम पता नहीं होने पर डॉक्टरों ने इसका नामकरण किया और मोगली नाम दिया।
मोगली की हालत में सुधार हो चुका है, जल्द ही पूर्ण रूप से स्वस्थ होने के बाद डॉक्टर उसके रहने का इंतजाम भी करेंगे। बर्न वार्ड के एचओडी और वरिष्ठ प्लास्टिक सर्जन डॉ. शिवम डांग का कहना है कि किसी एनजीओ से संपर्क करके इस किशोर को वहा भेजा जाएगा, ताकि इसका आगे का जीवन-यापन अच्छा हो सके।