उत्तराखंड में जौलीग्रांट एयरपोर्ट पर दो एयरोब्रिज को मिली डीजीसीए से स्वीकृति……

देहरादून: जौलीग्रांट एयरपोर्ट के दो एयरोब्रिज को नागर विमानन महानिदेशालय (डीजीसीए) से स्वीकृति मिल गई। एयरपोर्ट टर्मिनल के भीतर चार एयरोब्रिज बनाने का कार्य लगभग पूरा कर लिया गया है। इसमें से दो एयरोब्रिज को स्वीकृति मिल चुकी है।

जिसको जून माह में यात्रियों के लिए खोला जा सकता है। देहरादून एयरपोर्ट पर लगभग 460 करोड़ रुपये की लागत से नया टर्मिनल भवन बनाया गया है। फेज टू बिल्डिंग के साथ ही चार एयरोब्रिज बनाने का कार्य शुरू किया गया था। जिसका कार्य अब लगभग पूरा कर लिया गया है।

दो एयरोब्रिज को डीजीसीए से निरीक्षण के बाद हरी झंडी भी मिल चुकी है। एयरोब्रिज न होने के कारण हवाई यात्रियों को बस या पैदल ही विमानों तक आवाजाही करनी पड़ती है। इससे तेज धूप और बारिश में यात्रियों को दिक्कत होती है। जिस कारण एयरपोर्ट टर्मिनल के अंदर चार एयरोब्रिज बनाए गए हैं। जिससे हवाई यात्री धूप व बारिश से बचते हुए विमानों तक आवाजाही कर सकेंगे।

हालांकि, छोटे विमानों तक बस या पैदल ही आवाजाही करनी होगी। एयरपोर्ट पर आने वाले छोटे या एटीआर विमानों तक आवाजाही करने के लिए पैदल या बस से ही आवाजाही करनी होगी। चार्टर्ड या छोटे विमानों के लिए एयरोब्रिज की सुविधा नहीं रहेगी।एयरोब्रिज का इस्तेमाल बड़े विमानों के लिए किया जाएगा।

एयरपोर्ट निदेशक प्रभाकर मिश्रा ने बताया की 04 एयरोब्रिज का कार्य पूरा कर लिया गया है। दो एयरोब्रिज को डीजीसीए से मंजूरी मिल चुकी है। मई के अंतिम या जून से एयरोब्रिज शुरू किए जा सकते हैं। हैं जिससे यात्रियों को विशेष लाभ मिलेगा।

होता है एयरोब्रिज :
एयरोब्रिज से यात्री बिना ग्राउंड पर जाए टर्मिनल से सीधे विमान के अंदर जा सकेंगे और विमान से सीधे टर्मिनल तक आ सकेंगे। दो एयरोब्रिज शुरू होने के बाद एयरपोर्ट पर खड़े दो विमानों से यात्री सीधे टर्मिनल के बीच आवाजाही कर सकेंगे। इससे समय की बचत होगी और यात्रियों को धूप या बारिश की परेशानी नहीं होगी। यह सुविधा देश के सिर्फ बड़े एयरपोर्ट पर उपलब्ध है।

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