उत्तराखंड में चारधाम यात्रा – सरकार के लिए गजब हालात ,कोर्ट के निर्देश बंद करो ,संतो का आग्रह शुरू करो ,सरकार माने तो किसकी…..

देहरादून : उत्तराखंड सरकार के लिए हालात बेहद अजब गजब हो गए है चारधाम यात्रा को लेकर जहाँ हाई कोर्ट सख्त है और इसे टालने के आदेश सरकार को दे रही है वही संत चारधाम यात्रा शुरू करने का सरकार पर दबाव बना रहे है जी हाँ सरकार के लिए आगे कुँआ पीछे खाई जैसी स्थिति हो गई है ।अखिल भारतीय अखाड़ा परिषद ने कहा है कि कोरोना की दूसरी लहर का कहर अब धीमा पड़ गया है और जन जीवन भी सामान्य होता जा रहा है इसलिए उत्तराखंड सरकार को चारधाम यात्रा शीघ्र शुरू करने की इजाजत देनी चाहिए।

श्रीपंच दशनाम जूना अखाड़े के अंतरराष्ट्रीय प्रवक्ता एवं श्री दूधेश्वरनाथ मठ गाजियाबाद के श्रीमहंत नारायण गिरि ने कहा है कि अखाड़ा परिषद के महामंत्री एवं श्रीपंच दशनाम जूना अखाड़ा के अंतरराष्ट्रीय संरक्षक श्रीहरिगिरी महाराज ने उत्तराखंड सरकार से बदरीनाथ, केदारनाथ, गंगोत्री एवं यमुनोत्री धाम में श्रद्धालुओं को दर्शन करने की अनुमति देने की अपील की और कहा कि जब स्थिति सामान्य हो रही है तो कोरोना से बचाव के नियमों का सख्ती से पालन करने के साथ यात्रा की अनुमति दी जानी चाहिए।
उन्होंने कहा कि उत्तराखण्ड में स्थित ये चारों धाम सिर्फ गर्मियों में सिर्फ छह महीने के लिए खुलते हैं और इन धामों में यात्रा का यही सवोर्त्तम काल होता है।

कोरोना की दूसरी लहर का असर भी अब कम हो गया है और उत्तराखंड शासन ने भी अनलॉक की प्रक्रिया शुरू कर दी है इसलिए राज्य सरकार को चारों धामों की यात्रा कोरोना दिशानिदेर्शों के पालन के साथ प्रारंभ करने की अनुमति देनी जानी चाहिए। प्रवक्ता ने कहा कि उत्तर प्रदेश सरकार ने पवित्र गंगा में स्नान की अनुमति प्रदान कर दी है और प्रयागराज में लाखों श्रद्धालुओं ने गंगा में डुबकी लगायी है लेकिन उत्तराखंड में गंगा में श्रद्धालुओं को स्नान की अभी अनुमति नहीं है। उन्होंने कहा कि इससे राज्य का पर्यटन उद्योग भी प्रभावित हो रहा है इसलिए चारधाम यात्रा की अनुमति दी जानी चाहिए।

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