उत्तराखंड में अब लोकसभा चुनाव मे जो राजनैतिक पार्टी अपने घोषणापत्र मे पुरानी पेंशन बहाली की बात रखेगी, कार्मिक देंगे उसी पार्टी को वोट…..

देहरादून: पुरानी पेंशन बहाली के लिए राष्ट्रीय पुरानी पेंशन बहाली संयुक्त मोर्चा उत्तराखंड द्वारा लिए गए निर्णय के क्रम मे आज विधानसभा गैरसैण भराड़ीसैन में एक दिवसीय सांकेतिक धरने का आयोजन किया गया। राष्ट्रीय पुरानी पेंशन बहाली संयुक्त मोर्चा का मुख्य उद्देश्य पुरानी पेंशन बहाल करना है प्रदेश अध्यक्ष जयदीप रावत ने कहा कि आज के इस एक दिवसीय सांकेतिक धरने से सरकार को यह संदेश देना है कि जहां सुविधाओं से लैस विधानसभा भवन में सत्र के लिए विधायक असहमति जाता रहे हैं।

जबकि उन्हें सभी सुविधाएं प्राप्त हैं, वहीं प्रदेश के हजारों कर्मचारी प्रदेश के विकास में अपना योगदान दे रहे हैं उन्हें पुरानी पेंशन से वंचित किया जा रहा है। मण्डल अध्यक्ष पूरण सिंह फर्सवान ने कहा कि आज जो गैरसैण जनप्रतिनिधियों के लिए गैर हो गया है उसे कर्मचारी गैर नहीं होने देंगे। कर्मचारी उत्तराखंड राज्य को समृद्ध बनाने के लिए गैरसैण भराड़ीसैन को पूर्ण राजधानी देखते हुए उसकी पहचान को बनाए रखना चाहते हैं। प्रदेश महासचिव सीताराम पोखरियाल ने कहा कि जहां विधायक ठंड का बहाना बनाकर गैरसैंण भराड़ीसैन से मुंह मोड़ रहे हैं, वहीं कर्मचारियों ने आज एक दिवसीय सांकेतिक धरने से दिखा दिया कि गैरसैंण भराड़ीसैन में कोई भी ठंड नहीं है, और यदि दिलों में जज्बा हो तो कोई भी काम संभव नहीं है। इस संकल्प के साथ कर्मचारीयों ने अपनी पुरानी पेंशन बहाली की मांग को लेकर धरना दिया।

सेवानिवृत कर्मचारी एवं गढ़वाल मंडल संयोजक जसपाल रावत ने कहा कि जहां सेवानिवृत्ति पर मुझे पुरानी पेंशन के तहत 42000 रु पेंशन मिल रही है वही मेरे साथ सेवानिवृत हुए एनपीएस कार्मिक को केवल ₹1200 पेंशन प्राप्त हो रही है। यदि यही हाल रहा तो आने वाले समय में एनपीएस से सेवानिवृत हुए कर्मचारियों को वृद्ध आश्रम में रहना होगा। उन्होंने सभी एनपीएस साथियों को एकजुट होने का आह्वान किया। चमोली जनपद के सचिव सतीश कुमार ने कहा कि हमें एक मंच के साथ अपनी बात ताकत से रखनी होगी।

कर्मचारियों ने एक स्वर में कहा कि जो भी राजनीतिक दल अपने घोषणा पत्र में पुरानी पेंशन बहाली को प्राथमिकता देगा कर्मचारी उस दल को वोट देंगे। इस बार का वोट पुरानी पेंशन के लिए होगा। उन्होंने वर्तमान सरकार को भराड़ीसैन से चेतावनी देते हुए यह संदेश दिया है कि यदि आचार संहिता से पहले इस पर कोई सकारात्मक निर्णय नहीं होता तो आने वाले लोकसभा चुनाव में पूर्व एवं वर्तमान समय में चुनाव लड़ने वाले सांसदों को काला झंडा दिखाते हुए विरोध किया जाएगा तथा वोट के माध्यम से सबक सिखाया जाएगा। सांकेतिक धरने की समाप्ति पर प्रशासन के माध्यम से एक ज्ञापन मुख्यमंत्री को प्रेषित किया गया और स्पष्ट किया गया कि कर्मचारी अब आर पार की लड़ाई के लिए तैयार हैं।

आज के सांकेतिक धरने में प्रदेश अध्यक्ष जयदीप रावत, महासचिव सीताराम पोखरियाल, गढ़वाल मंडल अध्यक्ष पूरण फर्सवान, गढ़वाल मंडल संयोजक जसपाल सिंह रावत, जनपद चमोली संयोजक डॉ बृजमोहन रावत, सचिब चमोली सतीश कुमार, पौड़ी जनपद संयोजक मनोज कुमार काला, रुद्रप्रयाग जनपद के अध्यक्ष अंकित रौथान, प्रकाश सिंह चौहान, लैब टेक्नीशियन के प्रदेश अध्यक्ष एवं मोर्चा के श्रीनगर अध्यक्ष राकेश रावत, अनसूया प्रसाद जुगरान, जगत सिंह, हरीश टम्टा, प्रदीप नेगी, दिनेश नेगी, बलवीर रावत, बृजमोहन सोरियाल, जगमोहन रावत आदि उपस्थित थे।

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