उत्तराखंड में अब यहाँ भी रील बनाई तो मुश्किल में पड़ जाएंगे…चारधाम की तरह प्रमुख देव स्थलों में भी नियम लागू……

हरिद्वार: रील बनाने के चक्कर में तीर्थ स्थलों पर भारी भीड़ उमड़ रही है। चारोंधामों में जहां रील बनाने पर रोक लगा दी गई है, वहीं हरिद्वार में भी अब इस नियम का पालन कराया जाएगा।

युवाओं में बढ़ती रील बनाने की क्रेज को लेकर धार्मिक स्थालों के व्यवस्थापक भी परेशान हो गए हैं। हालत यह है कि पहले श्रीगंगा सभा ने रील बनाने पर आपत्ति जताई वहीं अब मनसा देवी ट्रस्ट और अखिल भारतीय अखाड़ा परिषद के अध्यक्ष श्रीमहंत रविंद्रपुरी महाराज ने भी मंदिर परिसर में रील बनाने पर रोक लगा दी है। सोमवार को जारी बयान में उन्होंने कहा कि यदि मंदिर परिसर में रील के चक्कर में अव्यवस्था फैलाने की कोशिश की गई तो संबंधित के विरुद्ध कार्रवाई की जाएगी।

धर्मनगरी में बढ़ती भीड़ को लेकर शहर के गली कूचे जाम की चपेट में हैं। होटल, धर्मशाला और अन्य आश्रय भी पूरी तरह पैक हो चुके हैं। प्रमुख शक्तिपीठ मनसा देवी मंदिर, चंडी देवी मंदिर, दक्षिण काली और कनखल स्थित दक्ष प्रजापति मंदिर समेत अन्य मंदिरों में भी दर्शनार्थियों की भारी भीड़ उमड़ रही है।

रोपवे संचालन को लेकर काफी परेशानी
इन मंदिरों में दर्शन पूजन का दौर तो जारी है, इसके अलावा एक वर्ग केवल रील बनाने में आतुर दिखता है। रील बनाने के चक्कर में जहां बढ़ती भीड़ के दौरान केवल दर्शन पूजन के बाद निकास की व्यवस्था है वहां पर रुकने और वीडियो बनाने वाले दुर्व्यवस्था का कारण बन रहे हैं।

सोमवार को स्थिति यह रही कि मनसा देवी और चंडी देवी मंदिरों में रोपवे संचालन को लेकर काफी परेशानी हुई। तीन घंटे से अधिक समय तक रोपवे की वेटिंग रही। वहीं कई-कई बार मंदिर से भीड़ कम करने के लिए रोपवे को वनवे भी करना पड़ा।

रोपवे संचालन कर रही ऊषा ब्रेको कंपनी के आरएम मनोज कुमार डोबाल ने बताया कि प्रशासनिक स्तर से बढ़ती भीड़ को देखते हुए समय-समय पर निर्देशित किया जाता है। इस पर मंदिर परिसर से रोपवे को वनवे करना पड़ रहा है।

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