उत्तराखंड में अनुकृति गुसाईं ने कांग्रेस की प्राथमिक सदस्य्ता से दिया त्यागपत्र, अब हरक सिंह रावत के रुख पर टिकी हैं निगाहें……

देहरादून: चारों ओर चुनाव की बयार है और उत्तराखंड प्रदेश कांग्रेस में पतझड़ का मौसम जोर पकड़ रहा है। कांग्रेस के वट वृक्ष की उत्तराखंड शाखा से एक-एक कर कार्यकर्ता सरक रहे हैं। अब पूर्व मंत्री हरक सिंह रावत की पुत्रवधू अनुकृति गुसाईं ने पार्टी की प्राथमिक सदस्य्ता से त्यागपत्र दे दिया है। एक रोज पहले गंगोत्री के पूर्व विधायक विजयपाल सजवाण और पुरोला के पूर्व विधायक मालचंद कांग्रेस को अलविदा कह चुके हैं। साथ ही उन्होंने कांग्रेस पार्टी से त्यागपत्र के 24 घंटे के भीतर ही भाजपा का दामन भी थाम लिया। उसके साथ बड़ी संख्या में कांग्रेस कार्यकर्ताओं ने भी पाला बदल लिया। शनिवार को उन्हें भाजपा प्रदेश अध्यक्ष महेंद्र भट्ट ने पार्टी की सदस्य्ता ग्रहण कराई।

अनुकृति गुसाईं का त्यागपत्र।
अनुकृति गुसाईं ने उत्तराखंड कांग्रेस कमेटी को सौंपे त्यागपत्र में कहा कि वह व्यक्तिगत कारणों से पार्टी छोड़ रही हैं। इससे पहले कांग्रेस से भाजपा सरकार में मुख्यमंत्री रहे मेजर जनरल भुवन चंद्र खंडूड़ी के पुत्र मनीष खंडूड़ी और पूर्व जिला पंचायत अध्यक्ष लक्ष्मी राणा भी कांग्रेस को अलविदा कह चुके हैं। मनीष खंडूड़ी भाजपा में शामिल हो चुके हैं। ऐसे में यह कयास लगाए जा रहे हैं कि कांग्रेस को ऐन वक्त पर अलविदा कहने वाले बाकी चेहरे जल्दी या विलंब से भाजपा का हिस्सा बन सकते हैं। इन सब में यह देखना दिलचस्प होगा कि ईडी और सीबीआई जांच से घिरने के बाद पूर्व वन मंत्री हरक सिंह रावत की करीबी लक्ष्मी राणा और उनकी पुत्रवधू अनुकृति गुसाईं को लेकर भाजपा आलाकमान क्या रुख अपनाता है।

देखना यह भी दिलचस्प होगा कि करीबी लक्ष्मी राणा और पुत्रवधू अनुकृति के कांग्रेस छोड़ने के बाद हरक सिंह रावत खुद को कितने समय तक कांग्रेस से जोड़े रख पाते हैं। राजनीति के गलियारों में चर्चा होने लगी है कि हरक भी कांग्रेस का साथ छोड़ सकते हैं। यदि ऐसा हुआ तो वह दोबारा भाजपा का हाथ पकड़ सकते हैं। वैसे यह करने में उन्हें कोई गुरेज भी नहीं होगा। उनके लिए पाला बदलने का खेल कोई नया भी नहीं है।

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