मंगलौर के गदरजुडडा गांव के राशन डीलर की दबंगई आई सामने,ग्रामीणों को गंदे नाले में गिरा राशन बांट रहा राशन डीलर,जल्द हो सकती है जांच
रूडकी एक तरफ सरकार जहां साफ सफाई रखने के लिए लोगों को जागरूक करने पर करोड़ों का बजट खर्च कर रही है ताकि किसी तरह की कोई बीमारी ना फैल सके और लोग स्वस्थ रहें कोरोना जैसी महामारी से भी छुटकारा मिल सके लेकिन वहीं मंगलौर का ग़दरजुडा गांव में ग्रामीण दूषित और बदबूदार राशन लेने को मजबूर हैं। आलम ये है कि गदरजुड़ा गांव निवासी राशन डीलर की तानाशाही के चलते ग्रामीण बदबूदार और सड़ा हुआ राशन लेने को मजबूर है। जिसकी ग्रामीणों ने जॉइंट मजिस्ट्रेट से शिकायत की है।
जॉइंट मजिस्ट्रेट ने पूरे मामले की जांच के आदेश दे दिए हैं।दरअसल गदरजुडा गांव निवासी ग्रामीण प्रीतम का आरोप है कि कुछ दिन पूर्व गांव का राशन डीलर अपनी ट्रैक्टर ट्रॉली से गांव में लेकर आ रहा था तभी अचानक ट्रैक्टर चालक अपना संतुलन खो बैठा और राशन से भरा ट्रैक्टर गांव के बीच से गुजरने वाले गंदे नाले में पलट गया किसी तरह ट्रैक्टर ट्रॉली को बाहर निकाला गया। जिसके बाद मौके पर ग्रामीणों की भारी भीड़ जुट गई ।ट्रैक्टर ट्रॉली में राशन के लगभग 120 बोरे चावल के थे जिनमे से अधिकांश चावल के बोर गंदे नाले में गिर चुके थे जिन्हें राशन डीलर द्वारा अब सुखाया जा रहा है।
इतना ही नहीं आरोप है कि राशन डीलर ग्रामीणों पर दबाव बनाकर उसी राशन लेने को मजबूर कर रहा है जिसकी शिकायत ग्रामीणों ने रूडकी जॉइंट मजिस्ट्रेट से की है ।ग्रामीणों का आरोप है कि सड़ा हुआ और बदबूदार राशन खाने से ग्रामीण बीमार हो सकते हैं इतना ही नहीं इस राशन से ग्रामीणों को गांव में बीमारी फैलने का खतरा भी सता रहा है। हैरत की बात ये है कि खुले में चावल पड़े रहने पर राशन डीलर के परिवार के लोग भी उन्ही के ऊपर से जूते लेकर गुज़र रहे हैं।
वहीं इस बाबत राशन डीलर का कहना है कि उसने चावल नाले में गिरने की जानकारी खाद्य पूर्ति अधिकारी से लेकर पटवारी तक को दी थी लेकिन सभी ने उसी राशन को बांटने की बात कही है इसलिए वो यही राशन बांट रहा है।इस मामले में जॉइंट मजिस्ट्रेट नमामि बंसल का कहना है कि अगर उनके पास इसतरह की कोई शिकायत आती है तो उसकी गंभीरता से जांच की जाएगी।