उत्तराखंड प्रदेश के उच्च शिक्षा मंत्री धन सिंह रावत भर्ती घोटाले में लिप्त, आम आदमी पार्टी ने साधा निशाना….

देहरादून : आम आदमी पार्टी के प्रदेश प्रवक्ता नवीन पिरशाली ने प्रदेश कार्यालय में एक महत्वपूर्ण प्रेस वार्ता करते हुए राज्य के उत्तराखंड मुक्त विश्वविद्यालय में हुई अवैध नियुक्तियों के मामले पर बीजेपी सरकार के उच्च शिक्षा मंत्री धन सिंह रावत पर जमकर निशाना साधा। उन्होंने कहा उच्च शिक्षा मंत्री ने साल 2017 और 2019 के बीच सभी नियम कानूनों को धता बताकर अपने और बीजेपी के चहेतों को उत्तराखंड मुक्त विश्वविद्यालय में मनमाफिक पोस्टिंग से नवाजा है।

उन्होंने कहा,बीजेपी ने उत्तराखंड ओपन यूनिवर्सिटी को प्राइवेट लिमिटेड कंपनी में तब्दील कर दिया,जिसे चाहे मनमर्जी से अवैध तरीकों से नियुक्तियां दे रहे हैं । वो भी सभी मंत्री और कुलपति के अपने लोग हैं या आरएसएस से जुड़े लोग हैं । उन्होंने कहा कि, ये सरकार जनविरोधी सरकार है, जो जनता से कहती कुछ है और करती कुछ है। उन्होंने कहा कि 30 अगस्त 2019 को मीडिया में एक खबर आई। जिसमें साफ साफ बताया गया था कि उत्तराखंड मुक्त विश्वविद्यालय में सहायक क्षेत्रीय निदेशक (असिस्टेंट रीजनल डायरेक्टर) के आठ पदों पर नियुक्ति में बड़ा घोटाला होने वाला है।

इस खबर में लिखा था कि, इन आठ पदों पर पहले से ही सलेक्ट होने वाले कैंडिडेट्स के नाम तय हैं ,और उन सभी आठ नामों को प्रकाशित भी किया गया था। लेकिन बडे दुर्भाग्य की बात है कि, जिस मामले की गंभीरता से जांच की जानी चाहिए थी ,ठीक दो दिन बाद 2 सितंबर 2019 को उत्तराखंड मुक्त विश्वविद्यालय ने जब असिस्टेंट रीजनल डायरेक्टर के पदों पर चयनित हुए लोगों की लिस्ट जारी की, तो सभी आठ के आठ नाम वही थे।

जो 30 अगस्त को मीडिया में आ चुके थे। मीडिया में नाम आने और विवाद के बाद भी सभी उन नामों को नौकरी दी गई ,जो उच्च शिक्षा मंत्री धन सिंह रावत और कुलपति के रिश्तेदार थे, बीजेपी नेताओं की पंसद थे । इनमें सबसे पहला नाम था प्रदेश के उच्च शिक्षा मंत्री डॉक्टर धन सिंह रावत के पीआरओ गोविंद सिंह का, दूसरा नाम था कुलपति की पर्सनल सेकेट्री रेखा बिष्ट का,तीसरा भास्कर जोशी ,जो परीक्षा करवाने वाले चीफ एक्जाम कंट्रोलर प्रोफेसर पीडी पंत के रिश्तेदार हैं।

चौथा नाम रुचि आर्य ,जो असिस्टेंट एक्जाम कंट्रोलर डॉक्टर सुमित प्रसाद की पत्नी हैं, पांचवां नाम ब्रिजेश बनकोटी , जो आरएसएस के प्रचारक हैं। उन्होंने एक और मामले पर बोलते हुए बताया कि ,इस खुलासे के बाद 4 जुलाई 2020 को पंतनगर निवासी रमेश सिंह नाम के सज्जन ने राज्यपाल को एक शिकायती पत्र लिखा,जिसमें इस पूरे अवैध नियुक्तियों के खेल का चिट्ठा लिखा हुआ था और 27 जुलाई 2019 को राज्यपाल के संयुक्त सचिव ने प्रदेश के उच्च शिक्षा विभाग के प्रभारी सचिव को निर्देश दिए कि, असिस्टेंट रीजनल डायरेक्टर (एआरडी) के आठ पदों पर नियुक्ति में हुए भ्रष्टाचार की जांच की जाए, साथ ही असिस्टेंट प्रोफेसर की भर्तियों में जो फिक्सिंग के आरोप लगाए जा रहे हैं

उसकी भी जांच की जाए। ये चिट्ठी देश के राष्ट्रपति, प्रधानमंत्री, गृहमंत्री, मानव संसाधन मंत्री, उत्तराखंड के मुख्यमंत्री और यूजीसी को भी भेजी गई। उन्होंने आगे कहा कि, जिस मामले की जांच की जानी चाहिए थी, इसके बदले मार्च 2021 को लिस्ट जारी कर उन सभी अभ्यर्थियों में से 8 लोगों को नौकरी के लिए चुन लिया गया और एक अभ्यर्थी मीनाक्षी राणा के बदले एबीवीपी से जुडे विशाल शर्मा को उस लिस्ट में समायोजित किया गया।

शिकायती पत्र में जिन लोगों की अवैध नियुक्ति की पूर्व सूचना दी गई थी, उनमें एसोसिएट प्रोफेसर के पद पर पीडी पंत, हिस्ट्री के पद पर मदन मोहन जोशी, पत्रकारिता विभाग में राकेश रयाल, कम्प्यूटर साइंस में जीतेंद्र पांडे, कॉमर्स में गगन सिंह, पब्लिक एडमिनिस्ट्रेशन में घनश्याम जोशी, लॉ डिपार्टमेंट में दीपांकुर जोशी, हिंदी विभाग में राजेंद्र सिंह, एजुकेशिन डिपार्टमेंट में सिद्धार्थ पोखरियाल और फिजिक्स डिपार्टमेंट में मीनाक्षी राणा का नाम था।

जब रिजल्ट आया तो केवल मीनाक्षी राणा को छेड़कर बाकी आठ नाम वही थे। इनमें एक नाम सिद्धार्थ पोखरियाल का है जो तत्कालीन केंद्रीय शिक्षा मंत्री रमेश पोखरियाल निशंक के करीबी हैं। आम आदमी पार्टी सरकार को चेतावनी देती है कि, अगर इन मांगों को नहीं माना गया तो आप पार्टी प्रदेशभर में बडा जनांदोलन करेगी जिससे इस सरकार के चेहरो से झूठ का पर्दा उठ सके।

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