उत्तराखंड सरकार ने दे दिए रोजगार के आंकड़े तो हरदा लेंगे राजनीति से सन्यास…..

देहरादून : आगामी साल 2022 में होने वाले विधानसभा चुनाव में मुख्य रूप से महंगाई और बेरोजगारी का मुद्दा हावी रहने वाला है। तो वही चुनाव से पहले ही जहां एक और राज्य सरकार, तमाम सरकारी भर्तियों को जल्द से जल्द कराने की बात कह रही है। तो वहीं, मुख्य विपक्षी दल कांग्रेस भाजपा के इस कार्यकाल के दौरान सरकारी नौकरी दिए जाने को लेकर सवाल खड़े कर रही है। पूर्व मुख्यमंत्री हरीश रावत ने भाजपा पर सवाल खड़े करते हुए कहा कि राज्य सरकार सिर्फ इतना बता दे कि किस-किस विभागों में नौकरियां दी गई हैं। और अगर सरकार बता देती है तो हरीश रावत राजनीति छोड़ देंगे।

उत्तराखंड राज्य में महंगाई और बेरोजगारी का मुद्दा, जोरो-शोरो से गूंज रहा है। जिसकी मुख्य वजह यह है कि मुख्य विपक्षी दल कांग्रेस लगातार इन दोनों मुद्दों को भुनाने में जुटी हुई है। क्योंकि कांग्रेस समेत अन्य विपक्षी दल लगातार महंगाई और बेरोजगारी के मुद्दे को लेकर राज्य सरकार पर हमलावर नजर आ रहे हैं। हालांकि, सूबे के मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने राज्य की कमान संभालने के बाद ही करीब 22 हज़ार पदों पर भर्ती करने का वादा किया था, जिसकी प्रक्रिया गतिमान है।

बावजूद इसके मुख्य विपक्षी दल कांग्रेस लगातार राज्य सरकार को बेरोजगारी और महंगाई के मुद्दे को लेकर घेरने की कवायद में जुटी हुई है। पूर्व मुख्यमंत्री हरीश रावत ने कहा कि राज्य सरकार सिर्फ इतना बता दे कि 3200 लोगों को किस विभाग और कहां पर नौकरी दी है। अगर यह बता देते हैं तो हरीश रावत राजनीति छोड़ देंगे। साथ ही हरदा ने कहा कि राज्य सरकार साफ-साफ रोजगार के मुद्दे पर झूठ बोल रही है। यही नहीं, उन्होंने जिनती भर्तियां का अधियाचन जारी किया था, उस पर कोई भी कार्रवाई नही हुई है।

वही, हरीश रावत के इस बयान पर भाजपा के प्रदेश अध्यक्ष मदन कौशिक ने कहा कि भाजपा ने इस शासनकाल में करीब आठ लाख से ज्यादा युवाओं को रोजगार देने का काम किया है। और इन्होंने रोजगार देने का पूरा आंकड़ा, संसदीय कार्य मंत्री रहते हुए विधानसभा में रखा था। तो वही, शासकीय प्रवक्ता सुबोध उनियाल ने कहा कि हरीश रावत को अब राजनीति छोड़ देनी चाहिए।

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