उत्तराखंड में हरक के वार पर त्रिवेन्द्र का जोरदार पलटवार , कहा गधा ढेंचा ढेंचा करता है , हरक के महान चरित्र को मैं प्रणाम करता हूँ……

देहरादून : पूर्व मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत और कैबिनेट मंत्री हरक सिंह रावत के बीच इन दिनों गजब की जुबानी जंग चल रही है। दो दिन पहले हरक द्वारा त्रिवेंद्र पर दिए गए बयान का आज त्रिवेंद्र ने जोरदार पलटवार किया है। त्रिवेंद्र ने तो हरक की तुलना ढेंचा ढेंचा करके एक गधे से कर डाली।

यूं तो इस जंग की शुरुआत उसी दिन हो गयी थी जब त्रिवेंद्र सीएम की कुर्सी से हटे थे। त्रिवेंद्र के हटने के चंद दिनों बाद ही हरक ने त्रिवेंद्र को कोसना शुरू कर दिया था लेकिन तब त्रिवेंद्र ने संयम बनाये रखा और कोई टिप्पणी तब हरक के बयानों पर नहीं दी।

लेकिन बीते दो तीन दिनों से हरक व त्रिवेंद्र के बीच तल्खी फिर बढ़ गयी है। इस बार भी शुरुआत करने वाला कोई और नहीं बल्कि हरक सिंह रावत ही हैं। अभी दो दिन पहले ही हरक ने ये बयान दिया था कि अगर वह हस्तक्षेप नहीं करते तो त्रिवेंद्र का जेल जाना तय था।

इस मामले में उन्होंने पूर्व सीएम हरीश रावत का भी नाम लिया कि उनके कहने पर ही हरीश ने कोई कार्रवाई नहीं है। हालांकि ये अलग बात है कि अगले ही दिन हरीश रावत ने मुख्यमंत्री पद पर रहते हुए इस तरह की कोई कार्रवाई करने वाली किसी भी बात से किनारा कर लिया और यहां तक कह डाला कि त्रिपाठी आयोग की रिपोर्ट के मुताबिक त्रिवेंद्र पर कोई गुनाह बनता ही नहीं था।

इधर, अब तक इस मामले में चुप्पी साधे रहे त्रिवेंद्र ने आज अपनी चुप्पी तोड़ी और हरक सिंह के लिए ऐसी बात कह डाली की आज दिनभर से उनका यही बयान वायरल हो रहा है। त्रिवेंद्र ने कहा कि गधा ढेंचा ढेंचा करता है। अब त्रिवेंद्र के इस बयान के सियासी हलकों में तमाम मायने निकाले जा रहे हैं।

कोई इसे गधे से हरक की तुलना किया जाना बता रहा है तो कोई कह रहा है कि गधा ढेंचा ढेंचा नहीं करता बल्कि ढेंचू ढेंचू करता है। बहरहाल, पूर्व सीएम का पलटवार आज हरक पर खासी भारी पड़ रहा है।

देखा जाए तो भले त्रिवेंद्र अभी सीएम न हो लेकिन जिस तरह से कर्मकार बोर्ड में उनके एक प्यादे ने दो दशकों से मंत्री रहे हरक के पसीने छुड़ाए हुए हैं, उससे हरक की जमकर छीछालेदर हुई है। इसी तरह से रायपुर सीट पर भी जिस तरह हरक के साथी काऊ को दिक्कतों का सामना करना पड़ रहा है।

वही त्रिवेंद्र सिंह रावत यही नही रुके उन्होंने  साफ कहा कि एसडीएम ने कुछ निर्णय दिया और डीएम ने कुछ निर्णय दिया तो किसका निर्णय माना जाएगा त्रिवेंद्र सिंह रावत ने साफ तौर पर कहा कि हरक सिंह रावत बेहद विद्वान साथी हैं हमारे  हजारों बच्चों को हम जैसे लोगों को उन्होंने पढ़ाया है संस्कारित किया शिक्षित किया उनका चरित्र बहुत उज्जवल रहा है चाहे आर्थिक चाहे नैतिक हो व्यक्तिक हो उनकी श्रेष्ठता को मैं प्रणाम करता हूं त्रिवेंद्र सिंह रावत ने साफ तौर पर कहा की हरक सिंह रावत जैसे नेताओं को मैं कैसे समझा सकता हूं क्योंकि उनके पढ़ाई हुए बच्चे कोई आईएएस बन गया होगा कोई आईपीएस बन गया होगा।

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