तो क्या हरीश रावत ने किया प्रीतम का उमेश काऊ प्लान फेल, राजनैतिक गलियारे में ये चर्चा आम, बाकी बागियों के लिए भी रेड अलर्ट…..
देहरादून : सोमवार को कांग्रेस ने भाजपा को झटका दिया और यशपाल आर्य को बेटे समेत कांग्रेस में शामिल करवा लिया साफ है कांग्रेस में भी इस बात को लेकर जमकर श्रेय लेने की होड़ मची हुई है कि आखिरकार यशपाल आर्य को किसने पार्टी में शामिल करवाया प्रीतम सिंह का खेमा कह रहा है कि प्रीतम के प्रयासों से वह पार्टी में शामिल हुए तो हरीश रावत का खेमा भी कुछ ऐसा ही दावा कर रहा है वही सूत्र यह भी बताते हैं कि प्रीतम सिंह बागियों की घर वापसी को लेकर माहौल बनाने में जुटे हुए हैं लेकिन हरीश रावत इसको लेकर बड़ा अड़ंगा अड़ा चुके हैं सूत्र बताते हैं कि उमेश शर्मा काऊ कि कांग्रेस में वापसी हरीश रावत के कारण लगी है हालांकि यह कहानी भी हवा में तैर रही है कि उमेश शर्मा काऊ को बीजेपी मंत्री बनाएगी लेकिन सब कुछ कयास हैं
साफ है प्रीतम सिंह चाहते हैं कि कांग्रेस में हरीश विरोधी खेमा एक बार फिर सक्रिय हो इसलिए सबसे ज्यादा उनका फोकस बागियों को कांग्रेस में वापसी करवाने का है क्योंकि बागी कई बार कह चुके हैं कि उनका विरोध कांग्रेस को लेकर नहीं था बल्कि हरीश रावत को लेकर था ऐसे में प्रीतम उन तमाम लोगों को कांग्रेस में शामिल करवा कर हरीश रावत के खिलाफ एक मजबूत गुट खड़ा करना चाहते हैं लेकिन हरीश रावत ने भी कच्ची गोलियां नहीं खेली है हरीश रावत का विरोध भले ही यशपाल आर्य और संजीव को लेकर ना रहा हो लेकिन 16 मार्च को जिन 9 विधायकों ने उनकी सरकार गिराने की बड़ी कोशिश को अंजाम दिया था उसको लेकर हरीश रावत कई बार सवाल खड़े कर चुके हैं और अब लगता है हरीश रावत इस बात को लेकर अड़ चुके हैं कि ऐसे लोग कांग्रेस में वापस नहीं आने चाहिए। और अगर यह बात सच है तो फिर बाकी बागियों को भी कांग्रेस में वापसी को लेकर पापड़ बेलने पड़ सकते हैं।
कांग्रेस में शामिल होने के लिए राहुल गांधी के आवास पर बैठे भाजपा विधायक उमेश शर्मा काऊ की ज्वाइनिंग को किसी ने रोका या फिर वो भाजपा की ओर से मंत्री पद का आफर मिलते ही पतली गली से खिसक लिए। कई तरह की कहानियां राजनीतिक गलियारे में घूम रही है। एक और खास कहानी की भी परतें खुल रही है।दरअसल, यशपाल आर्य, संजीव आर्य व उमेश काऊ को कांग्रेस में शामिल कराने के लिए प्रदेश स्तरीय नेता लंबे समय से जुटे हुए थे।
चूंकि, सरकार गिराने में शामिल रहे बागियों की वापसी का पूर्व सीएम हरीश रावत खुली बगावत कर रहे है । वे कह चुके हैं कि माफी मांगने के बाद ही बागियों को कांग्रेस में शामिल किया जाएगा। लेकिन दूसरी ओर लंबे समय से दिवंगत डॉ इंदिरा ह्रदयेश व पूर्व अध्यक्ष प्रीतम मिशन बागियों की वापसी की राह आसान बनाने में जुटे हुए थे। और अब नये प्रदेश अध्यक्ष गणेश गोदियाल बागियों की घर वापसी को लेकर खूब दावे कर रहे हैं।इधर, दस अक्टूबर की देर रात तक प्रदेश प्रभारी देवेंद्र यादव के 220 नार्थ एवेन्यू आवास पर प्रीतम सिंह व कार्यकारी अध्यक्ष रंजीत रावत की मौजूदगी में यशपाल आर्य, संजीव आर्य व उमेश शर्मा काऊ की घर वापसी को हरी झंडी दी गयी। अन्य नेताओं को रात 11 बजे मिशन की जानकारी देते हुए दिल्ली के वापसी कार्यक्रम में पहुंचने को कहा गया। अपने अपने क्षेत्र में व्यस्त सभी प्रमुख नेता सुबह तक दिल्ली की सरहद में दाखिल हो चुके थे।
11 अक्टूबर का सूरज चढ़ने के बाद पूर्व सीएम हरीश रावत ने राहुल गांधी के सामने विशेषकर विधायक उमेश शर्मा की वापसी का विरोध किया। कहा कि यशपाल आर्य व संजीव आर्य ने उनकी सरकार नहीं गिराई थी जबकि विधायक उमेश काऊ सरकार गिरने वाले विजय बहुगुणा गुट में शामिल रहे। 2016 सरकार गिरने के बाद साथ रहे थे। ठीक 2017 के चुनाव से पहले कांग्रेस में शामिल हुए थे।हरीश रावत व राहुल गांधी की विधायक उमेश शर्मा की वापसी के मुद्दे पर ठीक ठाक चर्चा होने की भी खबर है। पूर्व सीएम हरीश रावत के संयत भाषा में गंभीर विरोध दर्ज कराने की बात सामने आ रही है।
सूत्रों का कहना है कि राहुल-हरीश ‘वार्ता’ के बाद विधायक उमेश शर्मा की कांग्रेस में वापसी का निर्णय टालना पड़ा। और यह खबर लगते ही राहुल के आवास पर मौजूद उमेश शर्मा काऊ टॉयलेट का बहाना कर निकल लिए। और फिर दिल्ली में भाजपा नेताओं से मिल लिए।