उत्तराखंड में बीजेपी में भीतरघात की आवाजे बुलंद, पार्टी अलाकमान के पास हर सीट की रिपोर्ट पहुंची, मतगणना के बाद होंगी बड़ी कार्यावही…..

देहरादून : मतदान के बाद से ही बीजेपी उत्तराखंड में गजब के हाल बने हुए हैं बीजेपी के प्रत्याशी अपने नेताओं पर ही भितरघात करने का आरोप लगा रहे हैं हालात तो यह हैं कहीं जगह पर ऐसा लग रहा है कि इसी के चलते बीजेपी के प्रत्याशी हारने की स्थिति में है लेकिन बड़ा सवाल यह है कि इतना सब होने के बावजूद पार्टी केवल अभी चर्चा परिचर्चा में ही लगी हुई है किसी पर कोई एक्शन शायद अभी होने से रहा।

वही भारतीय जनता पार्टी में भितरघात की जंग केंद्रीय नेतृत्व की सख्ती के बावजूद थमती नजर नहीं आ रही। पार्टी के तीन विधायकों के भितरघात के आरोपों की आंच अभी ठंडी नहीं हुई थी कि अब यमुनोत्री विधायक केदार रावत ने भी भितरघात के आरोप लगा दिए हैं।
पार्टी में उठते भितरघात के तूफान के बावजूद भाजपा अभी एक्शन की स्थिति में नहीं है।

तो दूसरी ओर, उत्तराखंड प्रदेश कांग्रेस के मीडिया प्रभारी राजीव महर्षि ने कहा कि भाजपा को विदाई की तैयारी शुरू कर देनी चाहिए। भितरघात पर आए दिन सामने आ रहे भाजपा विधायकों के बयान भाजपा की चुनाव में पराजय पर मुहर लगा रहे हैं। महर्षि ने मीडिया से बातचीत में भाजपा नेताओं को नसीहत करते हुए कहा कि शीशे के घर में रहने वालों को दूसरे के घरों पर पत्थर नहीं फेंकते।

कांग्रेस पर अनावश्यक टिप्पणी करने से पहले भाजपा नेताओं को अपने घर को देखना चाहिए। पहले लक्सर, काशीपुर और चम्पावत के भाजपा प्रत्यशियों द्वारा भीतरघात के आरोप सामने आने के बाद अब यमुनोत्री के विधायक ने भी इसी तरह के आरोप लगाए हैं। उन्होंने कहा कि जिस पार्टी में प्रदेश अध्यक्ष पर सवाल उठ रहे हों,उस पार्टी के नेता कांग्रेस पर अंगुली उठा रहे हैं।

भाजपा में थम नहीं रही भितरघात की जंग
भारतीय जनता पार्टी में भितरघात की जंग केंद्रीय नेतृत्व की सख्ती के बावजूद थमती नजर नहीं आ रही। पार्टी के तीन विधायकों के भितरघात के आरोपों की आंच अभी ठंडी नहीं हुई थी कि अब यमुनोत्री विधायक केदार रावत ने भी भितरघात के आरोप लगा दिए हैं।
भाजपा के लक्सर विधायक संजय गुप्ता ने पार्टी के प्रदेश अध्यक्ष मदन कौशिक पर भितरघात के गंभीर आरोप लगाए थे।

इससे पार्टी में भूचाल आ गया था। संजय गुप्ता के बाद पार्टी के विधायक कैलाश गहतोड़ी और हरभजन सिंह चीमा ने भी अपने अपने क्षेत्रों में पार्टी के पदाधिकारियों पर अपने खिलाफ काम करने और भितरघात के आरोप लगाए थे। मामला बढ़ता देख पार्टी शीर्ष नेतृत्व ने सभी विधायक प्रत्याशियों से अपनी जुबान पर लगाम लगाने और पार्टी फोरम पर ही अपनी बात रखने के निर्देश दिए थे।

राज्य नेतृत्व से भी इस मामले की रिपोर्ट तलब की गई थी। केंद्रीय नेतृत्व की सख्ती के बाद माना जा रहा था कि पार्टी में भितरघात पर उपजा सियासी तूफान थम जाएगा लेकिन शनिवार को यमुनोत्री विधायक केदार रावत के बयान ने तूफान को फिर बढ़ा दिया है।

फिलहाल एक्शन की स्थिति में नहीं पार्टी
पार्टी में उठते भितरघात के तूफान के बावजूद भाजपा अभी एक्शन की स्थिति में नहीं है। इसकी मुख्य वजह यह है कि खुद पार्टी के प्रदेश अध्यक्ष पर ही गंभीर आरोप लगे हैं। ऐसे में पार्टी अभी कार्रवाई की स्थिति में नहीं है। सूत्रों का कहना है कि मतगणना के बाद एक्शन लिया जाएगा।

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