उत्तराखंड में बीजेपी में 11 सीटों पर मंथन जारी, जल्द हो सकती है लिस्ट जारी, मजबूत चेहरों की तलाश में बीजेपी के निकले सर्दी में पसीने….

देहरादून : उत्तराखंड चुनाव 2022 में बीजेपी पार्टी में केदारनाथ, कोटद्वार, टिहरी विधानसभा सीटों में किसको टिकट मिलेगा इस पर संशय बना हुआ है। केदारनाथ विधानसभा सीट में भाजपा से 11 दावेदारों द्वारा टिकट के लिए लगातार पार्टी हाईकमान पर दबाव बनाया जा रहा है। बीते कई समय से दावेदारों को टिकट फाइनल होने की उम्मीद है, किंतु पार्टी संगठन अभी भी असंमजस बना है।

हालांकि पूर्व विधायक शैलारानी रावत, पूर्व विधायक आशा नौटियाल, जिलाध्यक्ष दिनेश उनियाल, अधिवक्ता संजय शर्मा दरमोडा, अशोक खत्री की दावेदारी ज्यादा मजबूत बताई जा रही है। माना जा रहा है कि पार्टी इनमें से किसी दावेदार पर दांव लगा सकती है।

केदारनाथ विधानसभा सीट पर भाजपा प्रत्याशी की घोषणा नहीं हो सकी।
कार्यकर्ता इस आस में बैठे हैं कि कब प्रत्याशी की घोषणा कर इस सीट पर चुनाव की तैयारी शुरू कर दी जाए। पार्टी हाईकमान को केदारनाथ विधानसभा सीट से पूर्व विधायक शैला रानी रावत, पूर्व विधायक आशा नौटियाल, जिलाध्यक्ष दिनेश उनियाल, दिल्ली हाईकोर्ट के अधिवक्ता संजय शर्मा दरमोडा, पूर्व राज्य मंत्री अशोक खत्री, पूर्व जिपंअ चंडी प्रसाद भट्ट, महामंत्री अनूप सेमवाल, नपं केदारनाथ के नामित अध्यक्ष देवप्रकाश सेमवाल, शकुंतला जगवाण, पूर्व राज्य मंत्री दिनेश बगवाड़ी, जयवर्द्ध कांडपाल ने भी दावेदारी की है।

किशोर की चर्चाओं के बीच टिहरी सीट अटकी
टिहरी विधानसभा सीट पर भाजपा टिकट वितरण के दूसरे दिन भी बादल नहीं छंटे हैं। टिहरी सीट का टिकट अटकने को लेकर किशोर उपाध्याय को लेकर चर्चायें जहां जोरों पर है, वहीं टिहरी सीट अब हाट सीट में होती जा रही है। भले ही किशोर उपाध्याय ने इसे लेकर खुले तौर पर कुछ नहीं कहा है। 2017 के विधानसभा चुनाव में भारी मतों से मोदी लहर में टिहरी सीट पर डा धन सिंह नेगी ने बीजेपी के लिए कब्जा किया, उत्तराखंड बनने के बाद इस सीट पर 2002 व 2007 में किशोर उपाध्याय का कब्जा रहा है।

जबकि 2017 में निर्दलीय के तौर पर दिनेश धनै ने दम दिखाया था। धनै ने कांग्रेस को अपना समर्थन दिया था। मोदी लहर में डा धन सिंह नेगी ने इस सीट को भाजपा के लिए कब्जाया। टिहरी विधानसभा में अपने तेज-तर्रार काम से जाने जाने वाले विधायक डा धन सिंह नेगी को पहली सूची में टिकट न दिये जाने से सीट को लेकर चर्चाओं का दौर जारी हो गया है। टिहरी गढ़वाल में अन्य पांच सीटों पर सिटिंग विधायकों ही मौका दिया गया है। लेकिन टिहरी सीट पर किशोर को लेकर चर्चाओं के बीच टिकट फाईनल न होने से बल मिला है। भले ही सिटिंग विधायक टिकट को लेकर अभी भी पूरी ताकत से जुटे हुये हैं। जिससे सीट लगातार हाट होती जा रही है।

कोटद्वार सीट पर बीजेपी को मजबूत विकल्प की तलाश
पौड़ी जिले की कोटद्वार विधानसभा सीट से बीजेपी से किसी भी प्रत्याशी का टिकट फाइनल नहीं हो सका। इस सीट पर बीजेपी के विधायक और कैबिनेट मंत्री डा. हरक सिंह रावत के पाला बदलने के बाद बीजेपी यहां मजबूत विकल्प तलाश रही है। कोटद्वार से हाल में पार्टी में शामिल हुए सीडीएस जनरल बिपिन रावत के भाई कर्नल विजय को प्रत्याशी बनाने की चर्चाएं चल रही है।

हालांकि इस सीट से संभावित प्रत्याशी के तौर पर पूर्व जिलाध्यक्ष धीरेंद्र चौहान, शैलेंद्र बिष्ट गढ़वाली, मंडी समिति के अध्यक्ष सुमन कोटनाला के साथ ही प्रदेश प्रवक्ता विपिन कैंथोला और पंडित राजेंद्र प्रसाद ने भी इस सीट से दावा किया है। कोटद्वार सीट पर पार्टी का चेहरा कौन होगा यह अभी साफ नहीं हो सका है। दरअसल डा. हरक के पाला बदलने के बाद पार्टी की यह तलाश और भी मुश्किल हो गई है। बीजेपी कोटद्वार सीट से जिताऊ प्रत्याशी की तलाश में है। ताकि इस सीट पर फतह हासिल की जा सके। प्रदेश में जो 11 सीटे फाइनल नहीं हो सकी उनमें कोटद्वार सीट भी शामिल है।

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